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सूर्यकुमार यादव के अलावा ये खिलाड़ी भी हैं मुंबई इंडियंस की जीत के हीरो

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Source :- BBC INDIA

सूर्यकुमार यादव

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सनराइज़र्स हैदराबाद के ख़िलाफ़ वानखेड़े स्टेडियम में जीत के लिए 174 रनों का पीछा करते हुए मुंबई इंडियंस एक समय अपने टॉप ऑर्डर के तीन विकेट महज़ 31 रनों पर गंवा चुकी थी.

उस समय ऐसा लगा कि मेज़बान के लिए मौजूदा आईपीएल सीज़न में हालात सिर्फ बद से बदतर होने ही बाकी रहे गए हैं.

लेकिन, यहीं से एंट्री होती है सूर्यकुमार यादव की जो ना सिर्फ मुंबई के लिए सबसे धाकड़ बल्लेबाज़ हैं बल्कि दुनिया भर में कोई भी बल्लेबाज़ आईसीसी रैंकिंग में उनकी चमक को धीमा नहीं कर सकता है.

51 गेंदों पर 12 चौके और 6 छक्के लगाकर सूर्या ने ना सिर्फ छक्का लगाते हुए मैच जिताया बल्कि अपना शतक भी पूरा किया.

विराट कोहली, रोहित शर्मा, यशस्वी जायसवाल के बाद सूर्या ने भी आईपीएल में शतक पूरा कर लिया है जो अगले महीने होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप में टॉप 4 का हिस्सा होंगे.

सिर्फ़ सूर्यकुमार ही नहीं चमके

पांड्या

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टेस्ट क्रिकेट या फिर वनडे क्रिकेट में सूर्या का नाम कोहली और रोहित के साथ ही एक ही वाक्य में लेना मुमकिन नहीं है. लेकिन जिस अंदाज़ में वो टी-20 में बल्लेबाज़ी करते रहे हैं उससे ये कहना ग़लत नहीं होगा कि ना सिर्फ कोहली और रोहित बल्कि भारतीय इतिहास का कोई भी बल्लेबाज़ टी-20 में उनसे बेहतर नहीं रहा है.

सोमवार की रात मुंबई की जीत में सिर्फ सूर्या के बल्ले की चमक की कहानी ही नहीं थी. कप्तान हार्दिक पांड्या भी आखिरकार वो लय पकड़ते दिख रहें हैं जिससे ये साफ हो गया है कि भारतीय चयनकर्ताओं ने आईपीएल के शुरुआती मैचों में उनके संघर्ष को बहुत ज़्यादा अहमियत क्यों नहीं दी.

पहले 9 मैचों में करीब 12 की महंगी इकॉनमी रेट से सिर्फ 4 विकेट झटकने वाले पांड्या अब वर्ल्ड कप की टीम चुने जाने के बाद लगातार निखरते नज़र आ रहे हैं.

हैदराबाद के ख़िलाफ़ सिर्फ 31 रन देकर 3 विकेट लेने वाले पांड्या ने इससे पहले दो मैचों में 2-2 विकेट हासिल किये थे.

इका मतलब है कि पिछले तीन मैचों में पांड्या ने 8.4 रन प्रति ओवर की इकॉनमी रेट से 7 विकेट झटके हैं. सूर्या की ही तरह पांड्या का फॉर्म भी टीम इंडिया के लिए राहत देने वाली ख़बर है.

अपनी प्रासंगिकता साबित करता स्पिनर

मुंबई इंडियंस

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लेग स्पिनर पीयूष चावला भले ही जून में होने वाली वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा नहीं हैं लेकिन उन्होंने फिर से साबित किया कि आखिर 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप में उन्हें यूं ही टीम इंडिया में जगह नहीं मिल गयी थी.

आईपीएल में अतीत में पंजाब, कोलकाता और चेन्नई के लिए खेलने वाले चावला अपने करियर के आखिरी दौर में मुंबई के साथ भी अपनी प्रासंगकिता को साबित कर रहे हैं.

जिस तरीके से उन्होंने हैदराबाद के तीन सबसे तगड़े बल्लेबाज़ों (अब्दुल समद, हेनरिक क्लासेन और ट्रेविस हेड) को निर्णायक लम्हों में पवेलियन की राह दिखाई, उससे वो भी मैन ऑफ द मैच ख़िताब के दावेदार बन सकते थे.

अगर इस मुकाबले को तीन हिस्सों में बांटा जाए तो सनराइज़र्स ने पहले 6 ओवरों यानी के पावरप्ले में 1 विकेट के नुकसान पर 56 रन बनाये तो मुंबई ने महज़ 52 रन पर 3 विकेट गंवा दिये थे.

लेकिन, दूसरे हिस्से यानी सात से पंद्रहवें ओवर तक वाले मिडिल ओवर्स में हैदराबाद की टीम पांड्या-चावला की जोड़ी के आगे जूझती ही दिखी. यहां पर मेहमान टीम ने सिर्फ 64 रन ही जोड़े जबकि 4 अहम विकेट खोए.

इसी फ़ेज़ में सूर्या का जलवा अपने चरम पर रहा और 87 रन बिना किसी नुकसान के बने.

डेथ ओवर्स में भी हैदराबाद सिर्फ 53 रन ही जुटा पायी जबकि उसने तीन विकेट खोए वहीं मुंबई के लिए डेथ ओवर्स शुरू होने से पहले मैच का नतीजा लगभग उनके पाले में आ चुका था.

मुंबई के लिए अंतिम चार में पहुंचना नामुमकिन

मुंबई

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बहरहाल, जीत के बावजूद मुंबई के लिए चमत्कारिक तरीके से भी अंतिम चार में पहुंचने की संभावना लगभग नामुमकिन ही है. लेकिन, टीम इंडिया के समर्थकों का अपने कप्तान रोहित शर्मा का ओपनर के तौर पर अपनी फ्रैंचाइज़ी के लिए संघर्ष करते दिखना निश्चित तौर पर थोड़ी चिंता पैदा कर सकता है.

पिछली 6 पारियों में (4, 11, 4, 8, 6) रोहित के बल्ले से सिर्फ 33 रन बने हैं. चूंकि, अब मुंबई के लिए आखिरी दो मैच महज़ औपचारिकता हैं ऐसे में क्या ये उम्मीद की जा सकती है कि रोहित समेत जसप्रीत बुमराह को भी आईपीएल से ब्रेक दिया जा सकता है?

अमेरिका और वेस्टइंडीज़ में होने वाले वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया का पहला ग्रुप 21 मई को भारत से न्यूयॉर्क के लिए रवाना होने वाला है.

वानखेड़े में गेंदबाज़ों के लिए मददगार दिखने वाली पिच पर ना तो सनराइज़र्स की तरफ से कोई अर्धशतक लगा और ना ही मेज़बान मुंबई की तरफ से.

हैदराबाद

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मुंबई के पास उनके पास स्थानीय हीरो के तौर पर सूर्या जैसा बल्लेबाज़ मौजूद रहा जिन्होंने बाद में इस बात को माना कि इस पिच पर काफी क्रिकेट खेलने के अनुभव ने उन्हें इस मुश्किल मैच में शतक बनाने में मदद की.

वाकई में सूर्या के टी-20 फॉर्मेट में मास्टर-क्लास पारी के चलते ही विरोधी टीम में पैट कमिंस और भुवनेश्वर कुमार जैसे अनुभवी गेंदबाज़ों की मौजूदगी भी कोई ख़ास प्रभाव नहीं डाल पायी.

16-16 अंकों के साथ जहां कोलकाता नाइटराइडर्स और राजस्थान रॉयल्स ने प्लेऑफ में पहुंचने की संभावना को अब अपनी टीमों के लिए औपचारिकता बना दिया है वहीं टूर्नामेंट में बेहतरीन अंदाज़ में शुरुआत करने वाली हैदराबाद की टीम फिलहाल चौथे पायदार पर आ गयी है.

11-11 मैचों के बाद अब जितने अंक (12) हैदराबाद के पास हैं उतने ही लखनऊ और चेन्नई के पास भी. आखिरी दौर के मैचों में हैदराबाद पर प्ले-ऑफ में पहुंचने का दबाव दिख सकता है और यही वजह है कि मुंबई में मिली ये हार उन्हें बाद में बहुत परेशान कर सकती है.

SOURCE : BBC NEWS