Home व्यापार समाचार गिग वर्कर्स को मिलेगा ESIC और EPFO का लाभ, जानें क्या-क्या करना...

गिग वर्कर्स को मिलेगा ESIC और EPFO का लाभ, जानें क्या-क्या करना चाहती है सरकार

4
0

Source :- LIVE HINDUSTAN

श्रम मंत्रालय चाहता है कि अस्थाई कर्मचारियों और उनके परिजनों को पेंशन के साथ ही चिकित्सा एवं अन्य लाभ भी मिलें। ESIC में जमा धनराशि उनके भविष्य को सुरक्षित करने का काम करेगी।

Drigraj Madheshia हिन्दुस्तान टीमThu, 24 April 2025 05:18 AM
share Share
Follow Us on
गिग वर्कर्स को मिलेगा ESIC और EPFO का लाभ, जानें क्या-क्या करना चाहती है सरकार

सरकार ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ जुड़कर सर्विस दे रहे अस्थाई कर्मचारियों (गिग वर्कर) को सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने जा रही है। इसको लेकर श्रम एवं रोजगार मंत्रालय उन तमाम विकल्पों पर विचार कर रहा है, जिनके तहत कर्मचारियों को अधिक लाभ प्रदान किया जा सके। हितधारकों (ई-कॉमर्स) कंपनियों के साथ हुई बातचीत में श्रम मंत्रालय ने उनसे हर महीने कर्मचारियों के हित में अनुदान लिए जाने का प्रस्ताव रखा है। इस अनुदान को कर्मचारी भविष्य निधि (EPFO) और राज्य कर्मचारी बीमा निगम (ESIC) में समान अनुपात में जमा किया जाएगा।

श्रम मंत्रालय चाहता है कि अस्थाई कर्मचारियों और उनके परिजनों को पेंशन के साथ ही चिकित्सा एवं अन्य लाभ भी मिलें। ESIC में जमा धनराशि उनके भविष्य को सुरक्षित करने का काम करेगी। यह धनराशि उनके पेंशन फंड में जाएगी, जिसके जरिए कर्मचारियों को 58 वर्ष की उम्र के बाद एक निश्चित पेंशन मिल सकेगी। वहीं, ESIC फंड में जमा होने वाली धनराशि के जरिए उन्हें दुर्घटना कवरेज का भी लाभ मिलेगा। जैसे दिव्यांगता होने या फिर निधन होने के स्थिति में परिवार को निश्चित वित्तीय लाभ मिलेगा।

अन्य योजनाओं की समीक्षा भी जारी

सूत्रों का कहना है कि मंत्रालय देशभर में संचालित पेंशन योजनाओं की भी समीक्षा कर रहा है। इसमें देखा जा रहा है कि किस पेंशन स्कीम में क्या खासियत है और किस योजना को सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है। ऐसे में पहले से संचालित पेंशन स्कीमों के अच्छे अनुभवों को भी गिग वर्कर को मिलने वाले सामाजिक व स्वास्थ्य सुविधा में शामिल किया जाएगा।

ये भी पढ़ें:पहलगाम आतंकी हमले के बाद एयरलाइन कंपनियों का ऐलान, नहीं लेंगे कैंसिलेशन फीस

मंत्रालय मुनाफा नहीं, हर महीने अनुदान के पक्ष में

गिग वर्कर को सामाजिक व स्वास्थ्य सुविधा का लाभ लेने के लिए किसी भी तरह का अनुदान नहीं देना होगा। यह अनुदान ई-कॉमर्स कंपनियों या उन संस्थाओं से लिया जाएगा जो अपने यहां पर अस्थाई कर्मचारियों को रख रही हैं। सामाजिक सुरक्षा संहिता-2020 के प्रावधानों के तहत कंपनियों को कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व निधि में योगदान देना होगा। यह अनुदान उनके लाभ या कारोबार का एक से दो फीसदी होगा।

अब मंत्रालय का कहना है कि हम लाभ के तौर पर अनुदान लेने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि लाभ का अनुमान एक वर्ष के बाद लगेगा, जिसे सीए की तरफ से सत्यापित किया जाएगा। ऐसे में मंत्रालय नहीं चाहता है कि वह किसी कंपनी के बहीखाते को देखे। फिर मुनाफे के आधार पर पैसा जमा कराए। इसलिए उसने प्रस्ताव रखा है कि कंपनियां हर महीने एक निश्चित अनुपात में गिग वर्कर के खातों में अनुदान को जमा कराएं।

SOURCE : LIVE HINDUSTAN