Source :- LIVE HINDUSTAN
सिर्फ मेहनत और किस्मत ही नहीं बल्कि अमीर और सफल बनने के लिए जरूरत होती है एक स्ट्रॉन्ग पॉजिटिव माइंडसेट की। देखें किस तरह सेल्फ मेड अमीरों की सोच होती है बाकी सबसे अलग, जो उन्हें और अमीर बनाती हैं।
भले ही लोग कितना कह लें कि पैसा हाथ का मैल होता है या ज्यादा पैसा बुराई की जड़ होता है। लेकिन सच्चाई तो यही है कि लगभग हर कोई बेशुमार दौलत कमाना चाहता है। हम अक्सर सुनते हैं कि अमीर बनना है तो खूब सारी मेहनत और भाग्य, दोनों चाहिए। बात ठीक भी है लेकिन इन दोनों के अलावा भी एक चीज ऐसी है, जो अमीर इंसान को और भी ज्यादा अमीर बनाती है और गरीब आदमी वहीं का वहीं रह जाता है। वो चीज है उसकी सोच। जी हां, जितने भी सफल और अमीर लोग हैं, उनके सोचने का नजरिया बाकी लोगों से बहुत अलग होता है। इसलिए तो ये मुश्किल हालातों में भी खुद को सोने सा निखार लेते हैं और बाकी लोग परिस्थिति से लड़ते-लड़ते ही थक जाते हैं। तो चलिए आज जानते हैं कि आखिर ये सफल और अमीर लोग भला सोचते कैसे हैं।
पैसा बचाने से ज्यादा जरूरी है पैसा बनाना
मिडिल क्लास लोग अक्सर पैसा बचाने पर ज्यादा ध्यान देते हैं, वहीं अमीरों का फोकस उस पैसे से और पैसा बनाने का होता है। मिडिल क्लास घरों में शुरू से ही बचत पर फोकस किया जाता है। इसलिए उनका पैसा अक्सर बैंक के खातों में जमा हुआ मिलता है। वहीं अमीर लोग इस पैसे को टूल की तरह इस्तेमाल करते हैं। वो इन्हें शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड्स, स्टार्टअप या रियल एस्टेट में इन्वेस्ट करते हैं। जाहिर है इसमें रिस्क के चांस ज्यादा होते हैं लेकिन यही रिस्क टेकिंग कैपेबिलिटी इन सफल और अमीर लोगों को औरों से अलग बनती है।
डिग्री नहीं स्किल्स पर देते हैं ध्यान
बिल गेट्स हों या स्टीव जॉब्स, इन सभी के पास कोई कॉलेज डिग्री नहीं थी लेकिन नई चीजें सीखते की लगन जरूर थी। इन सभी ने सेल्फ लर्निंग के जरिए नई-नई स्किल्स सीखीं और अपने काम में महारथ हासिल की। जीवन में सफल होना है तो यही फॉर्मूला अपनाना होगा। खुद को समय के साथ अपडेट करें, क्या नया चल रहा है वो जानें, नई-नई स्किल्स सीखते रहें और उनमें खुद को बेहतर बनाएं। आज के जमाने में अगर आपके पास स्किल्स हैं, तो आपके लिए पैसा कमाने के ढेरों रास्ते खुल जाएंगे।
कंफर्ट जोन से निकलना है जरूरी
अमीर या सफल लोगों में अक्सर ये क्वालिटी मिलेगी कि वो लोग हमेशा अपने कंफर्ट जोन से बाहर खुद को पुश करते हैं। रिस्क लेने, नई चीजें ट्राई करने में उन्हें एक्साइटमेंट मिलती है। कभी फेल होते हैं तो उनका एटीट्यूड एक शानदार कमबैक करने का होता है, चुपचाप बैठ जाने का नहीं। वहीं मिडिल क्लास लोग अक्सर अपने कंफर्ट जोन में रहना पसंद करते हैं। दो वक्त की रोटी, मकान और एक स्टेबल नौकरी; उनकी सारी उम्र के लिए काफी होती है।
अमीर लोग हर चीज में नंबर देखते हैं और गरीब इमोशन
अमीर लोगों और मिडिल क्लास लोगों की सोच और नजरिए में ये भी एक बड़ा अंतर होता है। अमीर लोगों को हर चीज में नंबर दिखता है। अपना समय, पैसा, एनर्जी; वो हर चीज को नंबर में नापते हैं। उनके डिसीजन भी डेटा, फैक्ट, नंबर पर बेस्ड होते हैं। जबकि गरीबों के लिए इमोशन ज्यादा महत्व रखता है। वो अपने फैसले भी इसी आधार पर लेते हैं। जैसे, अगर मैं ये करूं तो कोई क्या सोचेगा, मुझे ये करना पसंद नहीं है, कुछ खराब हो गया तो। यही बातें उन्हें जीवन में अक्सर कुछ बड़ा करने से रोक देती हैं।
पैसे को ले कर नहीं रखते नेगेटिव सोच
अमीर और गरीब आदमी की सोच का अंतर ही यहीं से शुरू होता है। जहां अमीर लोग पैसे को बुराई नहीं बल्कि एंजॉय करने के साधन के रूप में देखते हैं वहीं गरीबों की सोच इसके प्रति बहुत नेगेटिव होती है। वो अक्सर इसे हाथ का मैल बताते हैं, पैसा सब कुछ नहीं होता या पैसा हर किसी के नसीब में कहां; ऐसी नेगेटिव बातें कहते हैं। जब पैसों को ले कर माइंडसेट और बिलीफ सिस्टम ही ठीक नहीं होगा, तो इसे कमाने की मोटिवेशन और हिम्मत कहां से मिलेगी। इसलिए पैसा कमाना है तो पहले इसके लिए एक पॉजिटिव सोच रखना सीखें और इसे बुराई नहीं जिम्मेदारी की तरह देखें।
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