Source :- NEWS18
Last Updated:April 25, 2025, 10:22 IST
Phule Controversy: ‘फुले’ सामाजिक सुधारक ज्योतिराव फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित फिल्म है. फिल्म का ट्रेलर रिलीज के बाद से ही विरोध हो रहा है. फिल्म में प्रतीक गांधी ने ज्योतिराव फुले और…और पढ़ें
प्रतीक गांधी ने देश के बदले हालात पर चिंता जताई. (फोटो साभारः इंस्टाग्राम @pratikgandhiofficial)
हाइलाइट्स
- फिल्म ‘फुले’ विवादों के बीच रिलीज हुई.
- प्रतीक गांधी ने फिल्म के विरोध पर चिंता जताई.
- सीबीएफसी ने फिल्म में कई बदलाव करने को कहा.
मुंबई. प्रतीक गांधी और पत्रलेखा स्टारर ‘फुले’ बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हो गई है. फिल्म को अनंत महादेवन ने डायरेक्ट किया है. ट्रेलर रिलीज के बाद से ही विवादों में घिरी हुई है. पहले यह फिल्म 11 अप्रैल को रिलीज होने वाली थी, लेकिन विरोध को देखते हुए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने फिल्ममेकर्स से कई बदलाव करने को कहा, जिसके कारण इसकी रिलीज टाल दी गया. फिल्म का ब्राह्मण रक्षा दल समेत कई ब्राह्मण समुदाय ने विरोध कर रहे हैं. उनका आरोप है कि मेकर्स ब्राह्मणों का अपमान कर रहे हैं और उन्हें गलत तरीके से दिखा रहे हैं. फिल्म पर हुए विवाद पर प्रतीक गांधी ने सफाई दी है.
प्रतीक गांधी ने कहा कि हम एक ऐसे दौर में पहुंच गए हैं, जहां यह सोचा भी नहीं की जा सकता कि क्या किसी को नाराज कर सकता है. उन्होंने कहा कि एक समय था जब लोग बहुत अधिक सहनशील और खुले विचारों वाले थे, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने देखा है कि लोग सबसे अजीब चीजों पर नाराज हो जाते हैं.
प्रतीक गांधी ने ‘फुले’ रिलीज से पहले ‘द हॉलीवुड रिपोर्टर इंडिया’ से बात करते हुए कहा,”यह बेहद दुखद और दिल तोड़ने वाला है. सबसे पहले, मैं इसे एक कलाकार के रूप में कहता हूं, क्योंकि ऐसा नहीं होना चाहिए. मैंने एक समय देखा है जब हमारा देश और हमारे लोग ऐसे नहीं थे. हम बहुत अधिक सहनशील, बहुत अधिक खुले विचारों वाले और बहुत अधिक प्रगतिशील थे.”
प्रतीक गांधी ने पिछले कुछ सालों में बदलाव की बात कही
प्रतीक गांधी ने आगे कहा, “पिछले कुछ वर्षों में, मैंने सबसे अजीब चीजों पर नाराजगी देखी है. हम एक ऐसे प्वाइंट पर पहुंच गए हैं जहां आप यह भी कल्पना नहीं कर सकते कि क्या किसी को नाराज कर सकता है.” उन्होंने कहा कि आज के समय में, आप लाल रंग को लाल भी नहीं कह सकते.”
सीबीएफसी ने ‘फुले’ पर लगाए ये कट
प्रतीक गांधी ने कहा, “यह पागलपन है. जब यह उस लेवेल पर पहुंच जाता है, तो मुझे लगता है कि निर्णय लेने से पहले कुछ भी सोचने का कोई मतलब नहीं है. इसलिए एक कलाकार के रूप में, मेरी आंतरिक फीलिंग ही सबसे मजबूत हथियार है जो मेरे पास स्क्रिप्ट पर निर्णय लेने के लिए है. अगर मैं स्क्रिप्ट, दुनिया और कहानी से जुड़ सकता हूं, तो मैं इसका हिस्सा बनना चाहता हूं.” सीबीएफसी ने कथित तौर पर ‘फुले’ के निर्माताओं से फिल्म में कई बदलाव करने को कहा, जिसमें ‘महार’, ‘मांग’, ‘पेशवाई’ जैसे डायलॉग्स और सींस को हटाना भी शामिल था.
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