Source :- LIVE HINDUSTAN
पूर्व अमेरिकी NSA जॉन बोल्टन 9-11 हमले के बाद पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ से हुई मुलाकात को याद किया। उन्होंने आतंकवादियों और गैर जिम्मेदार कमांडरों के हाथों में परमाणु हथियार पहुंचने पर भी चिंता जाहिर की है।

अमेरिका के पूर्व सुरक्षा सलाहकार ने पाकिस्तान के परमाणु हथियार संभालने की क्षमता पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि यह हमेशा से चिंता का विषय रही हैं। खास बात है कि कुछ दिन पहले ही भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के परमाणु हथियार रखने पर सवाल उठाए थे। जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद दोनों देशों में तल्खी बढ़ गई है।
पूर्व अमेरिकी NSA जॉन बोल्टन 9-11 हमले के बाद पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ से हुई मुलाकात को याद किया। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने बताया, ‘दुनिया में कहीं भी परमाणु हथियार सुरक्षा अमेरिका के लिए शीर्ष प्राथमिकता रही है। 9-11 के दौरान मैं जॉर्ज डब्लयू बुश प्रशासन में था और तत्कालीन विदेश मंत्री कॉलिन पॉवेल के साथ पाकिस्तान और फिर भारत गया था।’
उन्होंने कहा, ‘तब पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के सामने कॉलिन पॉवेल ने खासतौर से यह सवाल उठाया था कि पाकिस्तान की परमाणु क्षमताएं कितनी सुरक्षित हैं। यह हमेशा चिंता की बात रही है और भारत के साथ साझा सीमा को देखते हुए यह बहुत ही चिंता की बात है।’
उन्होंने आतंकवादियों और गैर जिम्मेदार कमांडरों के हाथों में परमाणु हथियार पहुंचने पर भी चिंता जाहिर की है। बोल्टन ने कहा, ‘हम यह कभी नहीं कह सकते कि हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं और आराम कर रहे हैं, सब नियंत्रण में है। क्योंकि परमाणु हथियारों का आतंकवादियों या गैर जिम्मेदार कमांडरों के पास पहुंचने का जोखिम बहुत ही खतरनाक होगा।’
राजनाथ सिंह भी जता चुके हैं चिंता
जम्मू और कश्मीर की यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री सिंह ने IAEA यानी इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी से पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की कमान अपने हाथ में लेने की अपील की थी। उन्होंने सवाल किया था कि क्या परमाणु हथियार पाकिस्तान जैसे ‘गैर जिम्मेदार’ मुल्क के हाथों में सुरक्षित हैं।
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