Source :- LIVE HINDUSTAN
अगर आप छोटे बच्चों के कपड़े रात को बाहर नहीं सुखाने की सलाह को अंधविश्वास मानते हैं तो आपको बता दें, साइंस भी ऐसा करने की सलाह नहीं देता है। आइए जानते हैं रात को आखिर क्यों नहीं बाहर सुखाने चाहिए छोटे बच्चों के कपड़े।
परिवार में अकसर बड़े-बुजुर्ग छोटे बच्चों के कपड़े रात को बाहर सुखाने के लिए मना करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रात के समय में वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो छोटे बच्चों के बाहर सूख रहे कपड़ों में भी प्रवेश करके उनकी सेहत को नुकसान पहुंच सकती है। वहीं बात अगर विज्ञान की करें तो साइंस भी छोटे बच्चों के कपड़े रात को बाहर सुखाने की सलाह नहीं देता है। आइए जानते हैं रात को आखिर क्यों नहीं बाहर सुखाने चाहिए छोटे बच्चों के कपड़े।
धार्मिक कारण
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रात के समय नकारात्मक ऊर्जा अधिक प्रबल होती है, जो कपड़ों के जरिए छोटे बच्चों की सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है।
क्या कहता है साइंस?
रात के समय ओस की वजह से कपड़े सूखने की जगह अधिक गीले हो जाते हैं। कपड़ों में मौजूद इस नमी की वजह से उन में कई तरह के बैक्टीरिया, वायरस और फंगस पनप सकते हैं। जो छोटे बच्चों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
स्किन एलर्जी
कपड़ों पर मौजूद नमी की वजह से रात में कई तरह के कीड़े, मच्छर और कीट कपड़ों पर बैठकर अपने अंडे और गंदगी छोड़ सकते हैं। जिससे बच्चे को स्किन एलर्जी या त्वचा से जुड़ी कोई समस्या भी हो सकती है।
अच्छी तरह नहीं सूखते कपड़े
कपड़ों को प्रभावी ढंग से सूखने के लिए धूप और शुष्क मौसम की आवश्यकता होती है। दोपहर के समय कपड़ों को सुखाने के लिए ये दोनों ही चीजें आसानी से उपलब्ध होती हैं। जबकि रात के समय नमी की वजह से कपड़े देर से सूखते या हल्के गीले ही बने रहते हैं।
गंदे हो सकते हैं कपड़े
कई बार रात को अचानक मौसम खराब होने की वजह से धूल, मिट्टी या बारिश की वजह से धुले हुए कपड़े गंदे होकर खराब हो जाते हैं।
रात को सोते समय आप मौसम और कपड़ों का ध्यान नहीं रख सकते हैं। जबकि दोपहर में आप कपड़ों और मौसम, दोनों का ख्याल रख सकते हैं।
गीले कपड़ों की बदबू से दिलाता है छुटकारा
सूर्य की पराबैंगनी किरणें गीले कपड़ों पर दुर्गंध और दाग पैदा करने वाले हानिकारक जीवाणुओं को मार देती है। बता दें, सूर्य की रोशनी से सूखे हुए कपड़ों में मशीन से ड्राई हुए कपड़ों की तुलना में सिलवटें भी कम होती हैं।
SOURCE : LIVE HINDUSTAN