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6 बीमारियों के संकेत हो सकते हैं कमर में दर्द, किडनी से फेफड़े तक में खराबी

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Source :- NEWS18

6 Types of Back Pain: हर पीठ दर्द मांसपेशियों की वजह से नहीं होता. कभी-कभी यह शरीर के अंदरूनी अंगों जैसे कि किडनी, लिवर या फेफड़ों में किसी समस्या का संकेत भी हो सकता है. यह समझना कि दर्द कहां हो रहा है और उसके साथ कौन-कौन से लक्षण दिखाई दे रहे हैं (जैसे बुखार, पीलिया या सांस की तकलीफ), यह तय करने में मदद कर सकता है कि कारण आंतरिक अंगों से जुड़ा है या नहीं. नीचे पीठ दर्द के 6 प्रकार और उनके संभावित कारणों को बताया गया है:

6 तरह के कमर दर्द का मतलब

1. खांसते समय पीठ में दर्द –अगर पीठ में दर्द खांसने, छींकने या गहरी सांस लेने पर बढ़ता है, तो यह किडनी या फेफड़ों की सूजन या संक्रमण की वजह से हो सकता है. जैसे कि फेफड़ों की परत में सूजन (प्ल्यूरिसी) या निमोनिया के कारण यह दर्द हो सकता है. वहीं किडनी का संक्रमण भी ऐसा दर्द दे सकता है जो शरीर के हिलने या खांसने से और बढ़ जाता है. अगर इस दर्द के साथ बुखार, सांस लेने में तकलीफ, या पेशाब से जुड़ी कोई समस्या हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए.

2. कमर के निचले हिस्से में दर्द – अगर कमर के निचले हिस्से में दर्द हो रहा है और वह किडनी से जुड़ा है, तो यह दर्द अक्सर रीढ़ के दोनों ओर पसलियों के पास होता है. यह दर्द किडनी में संक्रमण या स्टोन के कारण होता है. यह तेज़ या मरोड़ जैसा दर्द हो सकता है जो पेट के निचले हिस्से या गुप्तांगों तक जा सकता है. इसके साथ पेशाब में जलन, बार-बार पेशाब आना, खून आना या बुखार जैसे लक्षण भी हो सकते हैं. मांसपेशियों के दर्द के उलट, किडनी का दर्द आराम करने से कम नहीं होता.

3. साइड में दर्द – अगर शरीर के एक या दोनों तरफ़ पेट और पीठ के बीच दर्द हो रहा है, तो इसे ‘फ्लैंक पेन’ कहा जाता है. यह दर्द आमतौर पर किडनी स्टोन, संक्रमण या रुकावट की वजह से होता है. यह दर्द हल्का भी हो सकता है और बहुत तेज़ भी. अगर इसके साथ बुखार, ठंड लगना, मिचली, उल्टी या पेशाब का रंग बदलना जैसे लक्षण हैं, तो यह किडनी से जुड़ा हो सकता है.  यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के मेडिकल विशेषज्ञ कहते हैं कि लगातार या तेज़ फ्लैंक पेन को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

4. पीठ के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द -लिवर की बीमारी की वजह से कभी-कभी पीठ के दाहिने ऊपरी हिस्से या कंधे के नीचे दर्द हो सकता है. लिवर अगर सूज गया हो या किसी बीमारी से प्रभावित हो जैसे कि हेपेटाइटिस, फैटी लिवर, लिवर ट्यूमर या फोड़ा , तो यह दर्द हो सकता है. इसके साथ थकान, आंखों और त्वचा का पीलापन (पीलिया), मिचली और पेट का फूलना जैसे लक्षण भी हो सकते हैं. यह दर्द अक्सर भारीपन या सुस्त दर्द की तरह होता है.

5. कंधों के नीचे या पीठ के बीच में दर्द -फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं जैसे निमोनिया, प्ल्यूरिसी, पल्मोनरी एम्बोलिज्म या लंग कैंसर भी पीठ के ऊपरी या कंधों के नीचे वाले हिस्से में दर्द का कारण हो सकती हैं. ऐसे मामलों में सीने में जकड़न, सांस फूलना, खांसी के साथ खून आना या पुरानी खांसी जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं.

6. कंधे में दर्द – कभी-कभी असली समस्या किसी और अंग में होती है लेकिन दर्द किसी दूसरी जगह महसूस होता है, इसे ‘रिफर्ड पेन’ कहा जाता है. दाहिने कंधे में दर्द लिवर या गॉलब्लैडर की बीमारी का संकेत हो सकता है, जबकि बाएं कंधे में दर्द फेफड़ों की बीमारी या डायाफ्राम की सूजन का लक्षण हो सकता है. यह दर्द किसी चोट की वजह से नहीं बल्कि अंगों में सूजन या जलन की वजह से होता है.

पीठ दर्द को क्यों गंभीर माना जाता है?
अधिकांश पीठ दर्द खतरनाक नहीं होते और खुद-ब-खुद ठीक हो जाते हैं. लेकिन अगर दर्द बहुत तेज़ या लंबे समय तक बना रहे और उसके साथ वज़न घटने, बुखार, पेशाब या मल पर नियंत्रण न होना, पैरों में कमजोरी जैसे लक्षण हों, तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है. जैसे कि संक्रमण, ट्यूमर, नस दबना (जैसे काउडा इक्वाइना सिंड्रोम), या रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर. ऐसे लक्षणों को नजरअंदाज करना सही इलाज में देरी और स्थायी नुकसान का कारण बन सकता है.

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