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हे भगवान! 8 साल में 5 बार स्तन कैंसर की सर्जरी, एक्सपर्ट सर्जन भी रह गए हैरान

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Source :- NEWS18

पटना: कभी-कभी जिंदगी इतनी बेरहम हो जाती है कि बार-बार एक ही जख्म देती है. एक ऐसा दर्द जो हर साल लौट कर आ जाता है. ठीक वहीं, जहां वो पहले वार कर चुका था, लेकिन ये कहानी किसी हार मानने वाली औरत की नहीं, बल्कि उस जांबाज की है, जो हर बार मौत को आंखों में आंखें डालकर देखती है. ये कहानी उस बहादुर महिला की है, जिसकी छाती पर कैंसर ने 5 बार दस्तक दी. हर सर्जरी उसके जिस्म का कुछ हिस्सा ले गई, लेकिन उसकी हिम्मत को नहीं तोड़ सकी. डॉक्टर भी हैरान हैं कि कोई इंसान इतनी बार कैंसर झेले और फिर भी मुस्कुराना न भूले, यह कैसे संभव हो सकता है.

डॉक्टर मानते हैं कि इलाज (सर्जरी) के बाद भी कैंसर दोबारा पैदा (रिअकरेंस) हो सकता है, लेकिन इस महिला के केस में एक या दो बार नहीं बल्कि 8 साल में 5 बार कैंसर ने वार किया है. इस घटना ने पटना के डॉक्टरों को भी चकित कर दिया है.

जाने पूरा मामला

दरअसल, भागलपुर की रहने वाले एक महिला 8 साल में 5 बार कैंसर से पीड़ित हुई. हर बार स्तन की सर्जरी करानी पड़ी. स्तन के कुछ हिस्से को हटाया गया. परिजनों ने तीन बार सर्जरी की तो किसी दूसरे अस्पताल में करवाया, लेकिन चौथी और पांचवीं बार महिला की सर्जरी महावीर कैंसर संस्थान में की गई. पांचवी बार कैंसर विशेषज्ञों ने रेडिकल सर्जरी की है.

डॉक्टरों का मानना है कि रेडिकल सर्जरी करने के बाद कैंसर दोबारा होने की संभावना कम हो जाती है. रेडिकल सर्जरी बड़े कैंसर संस्थानों में ही संभव होता है. इसमें ट्यूमर के अलावा आसपास के सभी मांस को पूरी तरह से हटा दिया जाता है. इससे कैंसर दोबारा उत्पन्न होने की गुंजाइश कम होती है. कैंसर संस्थान के विशेषज्ञों ने इस बार हड्डी छोड़कर पूरा स्तन ही हटा दिया है. इस केस को देख कैंसर संस्थान के बड़े-बड़े एक्सपर्ट भी हैरान हैं.

2018 में पहली बार हुआ कैंसर

भागलपुर की रहने वाली 46 वर्षीय महिला को पहली बार 2018 में कैंसर का सामना करना पड़ा. पहली सर्जरी स्थानीय स्तर पर हुई. 2 साल बाद यानी 2020 में फिर स्तन कैंसर वहीं पर हो गया. इसके बाद फिर 3 साल बाद कैंसर अपना भयावह रूप दिखाना शुरू किया. 2023 में फिर सर्जरी हुई, लेकिन इसके बावजूद भी कैंसर ने अटैक करना नहीं छोड़ा. इसके बाद फिर 2024 में कैंसर ने उसी जगह पर पांव पसार दिया. तंग हार कर इस बार परिजन मरीज को महावीर कैंसर संस्थान लेकर पहुंचे.

यहां भी सर्जरी की गई. 2024 के बाद फिर मई 2025 में पांचवी बार रेडिकल सर्जरी को चिकित्सकों ने अंजाम दिया. इस बार महिला के स्तन के पास से पूरा मांस ही हटा दिया गया है. 2024 में केमोथेरेपी भी की गई थी, लेकिन इससे राहत नहीं मिल सकी. इसीलिए इस बार डॉक्टरों की टीम ने सेकाई (रेडिएशन) करने का निर्णय लिया है.

पीठ और पैर का मांस लेकर की जाएगी ग्राफ्टिंग

संस्थान के उपनिदेशक डॉ. मनीषा सिंह और वरिष्ट कैंसर विशेषज्ञ (अंको सर्जन) डॉ. वेद प्रकाश का कहना है कि यह अपने आप में एक अनोखा केस है. कभी भी एक ही जगह पर 5 बार सर्जरी करने की नौबत नहीं आती है, लेकिन इस महिला के साथ ऐसा करना पड़ा है. अब महिला के पीठ और पैर (जांघ) से मांस लेकर ग्राफ्टिंग की जाएगी और फ्लैप भी लगाया जाएगा.

डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह के कैंसर को एग्रेसिव कैंसर (एग्रेसिव बायोलॉजी) के श्रेणी में रखा जाता है. ताज्जुब की बात यह है कि हर बार कैंसर अलग-अलग जगहों पर नहीं बल्कि एक ही स्थान पर ही हो रहा है. बता दें कि यह महिला एक बच्चे की मां है. बीपी और शुगर से भी पीड़ित है. फिलहाल महिला को दर्द और दूसरी परेशानियों से राहत मिल रही है. उम्मीद है कि अब सर्जरी कराने की नौबत नहीं आएगी.

SOURCE : NEWS 18