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हूतियों के जुगाड़ वाले हथियारों से कैसे थर्राए अमेरिकी लड़ाकू विमान, बाल-बाल बचा F-35

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अमेरिका जब हूतियों पर ताबड़तोड़ एयर स्ट्राइक कर रहा था, तभी हूतियों के जुगाड़ वाले हथियारों ने अमेरिका के खतरनाक लड़ाकू विमानों को खतरे में डाल दिया। उन्नत और सबसे महंगा F-35 विमान बाल-बाल बचा।

Gaurav Kala लाइव हिन्दुस्तानSun, 18 May 2025 10:35 AM
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हूतियों के जुगाड़ वाले हथियारों से कैसे थर्राए अमेरिकी लड़ाकू विमान, बाल-बाल बचा F-35

यमन के हूती विद्रोहियों ने ऐसे खतनाक एयर डिफेंस नेटवर्क को तैयार करने का दावा किया है, जिससे उसने अब दुनिया की सबसे आधुनिक और महंगी लड़ाकू विमान तकनीक भी खतरे में डाल दिया। हाल ही में एक अमेरिकी F-35 स्टील्थ फाइटर और कुछ F-16 Viper जेट्स हूती मिसाइलों की जद में आ गए और F-35 बाल-बाल बचा।

यह घटना तब हुई जब अमेरिका ने यमन में हूती ठिकानों पर ऑपरेशन ‘रफ राइडर’ के तहत बड़े पैमाने पर हवाई हमले तेज किए। हूतियों ने जवाब में ऐसे एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल किया, जो भले ही पारंपरिक न हो, लेकिन बेहद घातक और अप्रत्याशित साबित हो रहे हैं।

‘द वॉर जोन’ ने 15 मई को छपि रिपोर्ट में दावा किया है कि घटना हाल ही के दिनों ही बताई जा रही है, जब अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने यमन पर ताबड़तोड़ हमले कर रही थी। अमेरिकी लड़ाकू विमान हवा में थे और हूतियों के एयर डिफेंस की जद में आ गए। हालांकि एफ-35 बाल-बाल बचा। इससे पहले हूतियों ने अमेरिका के 20 प्रीडेटर ड्रोन को मार गिराने का दावा भी किया था।

क्या है हूतियों का जुगाड़ वाला एयर डिफेंस

हूती विद्रोहियों ने पिछले कुछ वर्षों में ऐसे मोबाइल एयर डिफेंस तैयार किए हैं जो किसी भी वक्त कहीं भी सामने आ सकते हैं। ये सिस्टम इंफ्रारेड सेंसर और जुगाड़ से तैयार मिसाइल सिस्टम जैसे R-73 और R-27 एयर-टू-एयर मिसाइलों को ज़मीन से दागने में सक्षम हैं। स्थानीय तौर पर इन्हें ‘थाक़िब-1’ और ‘थाक़िब-2’ कहा जाता है। इसके अलावा हूतियों के पास “सक़्र” नामक मिसाइलें भी हैं जो ईरानी तकनीक पर आधारित हैं और दुश्मन को हवा में लंबे समय तक ट्रैक कर सकती हैं।

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F-35 की फुर्तीली भी नहीं आई काम

F-35 को दुनिया का सबसे उन्नत स्टील्थ फाइटर माना जाता है। इसमें AN/ASQ-239 इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, AESA रडार और टो किए गए डिकॉय सिस्टम लगे हैं। लेकिन हूतियों के जुगाड़ी लेकिन लगातार सतर्क एयर डिफेंस नेटवर्क ने इसे भी चुनौती दे दी। विशेषज्ञ मानते हैं कि जब F-35 अपने बमबारी मिशन के दौरान इंटरनल वेपन बे खोलता है, तब उसकी लो-ऑब्ज़रवेबिलिटी (न दिखने की क्षमता) कुछ पलों के लिए कम हो जाती है और यहीं से खतरा शुरू होता है।

SOURCE : LIVE HINDUSTAN