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हमें कनाडा से कुछ नहीं चाहिए; पीएम कार्नी के US दौरे से पहले ही ट्रंप ने कर दी बेइज्जती, पड़ोसी को खूब सुनाया

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वाइट हाउस पहुंचने से ठीक पहले डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी पर हमला बोलते हुए अमेरिका-कनाडा रिश्तों को लेकर तल्खी भरा बयान दिया है।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानTue, 6 May 2025 10:34 PM
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हमें कनाडा से कुछ नहीं चाहिए; पीएम कार्नी के US दौरे से पहले ही ट्रंप ने कर दी बेइज्जती, पड़ोसी को खूब सुनाया

अमेरिका और कनाडा के बीच रिश्तों में पहले से ही गर्मी थी, मगर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एक बार फिर आग में घी डाल दिया। वाइट हाउस में कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की पहली आधिकारिक मुलाकात से ठीक पहले ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा कि हमें कनाडा से कुछ भी नहीं चाहिए, न उनकी कारें, न एनर्जी, न लकड़ी। ट्रंप का दावा है कि अमेरिका हर साल कनाडा को 200 अरब डॉलर की सब्सिडी दे रहा है और उसे फ्री मिलिट्री प्रोटेक्शन’ भी दे रहा है।

ट्रंप ने पड़ोसी देश को खूब सुनाया

ट्रंप ने लिखा सोशल मीडिया पर लिखे, “अमेरिका को कनाडा से कुछ भी नहीं चाहिए, न उनकी गाड़ियां, न उनकी ऊर्जा, न लकड़ी, हमें सिर्फ उनकी दोस्ती चाहिए, जो उम्मीद है कि हमेशा बनी रहेगी।” एपी की रिपोर्ट की मानें तो उनके ये दावे आर्थिक तथ्यों से मेल नहीं खाते। असल में अमेरिका अपनी एक चौथाई से ज्यादा तेल जरूरतें कनाडा से पूरी करता है और रोजाना अरबों डॉलर का व्यापार दोनों देशों के बीच होता है।

कनाडा को 51वां राज्य बनाना चाहते हैं ट्रंप

गौरतलब है कि पहले कनाडा और यूके के सेंट्रल बैंक के गवर्नर रह चुके पीएम कार्नी ने हाल ही में आक्रामक ट्रंप नीतियों के खिलाफ लड़ने के वादा किया था। वहीं ट्रंप पहले भी कई बार कह चुके हैं कि वो कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाना चाहते हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कनाडा-अमेरिका की सीमा को कृत्रिम रेखा कहा और बताया कि ये एक खूबसूरत देश बनने से रोक रही है।

इस दौरे को लेकर कनाडा में भी चिंता जताई जा रही है। यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के प्रोफेसर रॉबर्ट बोथवेल ने यहां तक कह दिया कि कार्नी को ट्रंप से मिलना ही नहीं चाहिए, क्योंकि ट्रंप अपने विरोधियों को अपमानित करने में पीछे नहीं रहते। हालांकि, प्रधानमंत्री कार्नी ने साफ किया है कि उनका उद्देश्य व्यापार और सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर मुश्किल मगर रचनात्मक बातचीत करना है।

SOURCE : LIVE HINDUSTAN