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हमलावर का मकसद क्या था? वाशिंगटन में इजरायली दूतावास स्टाफ के शूटआउट से उठे कई सवाल

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Source :- LIVE HINDUSTAN

अमेरिका के सबसे सुरक्षित स्थानों में एक वाशिंगटन डीसी में इजरायली दूतावास के दो स्टाफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हमलावर कौन है और उसका मकसद क्या था? इतने सुरक्षित स्थान पर गोलीकांड ने सुरक्षा के सवाल भी उठाए हैं।

Gaurav Kala लाइव हिन्दुस्तानThu, 22 May 2025 10:41 AM
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हमलावर का मकसद क्या था? वाशिंगटन में इजरायली दूतावास स्टाफ के शूटआउट से उठे कई सवाल

वाशिंगटन डीसी में 21 मई की रात एक कार्यक्रम के दौरान इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की गोली मारकर नृशंस हत्या कर दी गई। यह हमला कैपिटल ज्यूइश म्यूज़ियम के बाहर हुआ, जहां दोनों पीड़ित एक यहूदी कार्यक्रम में भाग लेने के बाद बाहर निकल रहे थे। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, दोनों कर्मचारी जल्द ही सगाई करने वाले थे। हमलावर ने उन्हें करीब आकर गोली मारी। आरोपी को तुरंत हिरासत में ले लिया गया है। गिरफ्तारी के समय वह फ्री, फ्री फिलिस्तीन का नारा लगा रहा था। उसकी मंशा को लेकर पुलिस ने अभी स्पष्ट जवाब नहीं दिया है। हमला जहां हुआ वह एफबीआई के फील्ड ऑफिस और अमेरिकी अटॉर्नी के कार्यालय के पास स्थित है। इससे यह भारी चूक का मामला भी है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

हमलावर कौन है?

गिरफ्तार किए गए संदिग्ध की पहचान एलियास रोड्रिगेज के रूप में हुई है। उसकी उम्र 30 वर्ष है और वह शिकागो, इलिनॉय का रहने वाला है। हमले के समय उसे म्यूजियम के बाहर संदिग्ध रूप से घूमते हुए देखा गया था। हमले के बाद, वह म्यूजियम के अंदर गया और “फ्री, फ्री फिलिस्तीन” के नारे लगाए। म्यूजियम के सुरक्षाकर्मियों ने उसे हिरासत में लिया, और अब वह पुलिस कस्टडी में है।

हमले की मंशा क्या थी?

अधिकारियों का मानना है कि यह हमला यहूदी विरोधी घृणा अपराध था। एफबीआई की जॉइंट टेररिज्म टास्क फोर्स इस मामले की जांच कर रही है। इजरायल के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत डैनी डैनन ने इसे “एंटीसेमिटिक आतंकवाद” करार दिया है। इसका मतलब यहूदी समुदाय के खिलाफ नफरत या द्वेष पर आधारित हिंसात्मक और आतंकवादी गतिविधियां करना है।

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अमेरिका के लिए सुरक्षा में बड़ी चूक कैसे

यह हमला वाशिंगटन डीसी के एक अत्यधिक सुरक्षित क्षेत्र में हुआ, जो एफबीआई के फील्ड ऑफिस और अमेरिकी अटॉर्नी के कार्यालय के पास स्थित है। इससे अमेरिका में यहूदी संस्थानों और अन्य विदेशी दूतावासों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठे हैं। कैपिटल ज्यूइश म्यूजियम ने हाल ही में सुरक्षा बढ़ाने के लिए अनुदान प्राप्त किया था, फिर भी यह हमला हुआ, जो सुरक्षा उपायों की प्रभावशीलता पर प्रश्नचिह्न लगाता है।

मरने वाला इजरायली स्टाफ कौन था

दोनों पीड़ित इजरायली दूतावास के कर्मचारी थे और एक युवा जोड़ा था, जो जल्द ही सगाई करने वाले थे। हमले के समय वे एक यहूदी कार्यक्रम में भाग लेने के बाद बाहर निकल रहे थे। एफबीआई और स्थानीय पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और इसे यहूदी विरोधी हिंसा करार दिया है। उन्होंने पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और न्याय सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है।

SOURCE : LIVE HINDUSTAN