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स्क्रैच लगे चश्मे को पहनने से आंखें हो सकती हैं खराब, ये होते हैं 5 साइड इफेक्ट्स

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Source :- LIVE HINDUSTAN

Reasons why it is bad to wear glasses with scratches: चश्मे के लेंस पर लगे स्क्रैच को नॉर्मल समझकर पुराना चश्मा यूज करने वाले लोग ना सिर्फ असुविधा झेलते हैं बल्कि अनजाने में अपनी आंखों की सेहत को भी नुकसान पहुंचा लेते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही 5 साइड इफेक्ट्स।

Manju Mamgain लाइव हिन्दुस्तानFri, 9 May 2025 06:05 PM
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स्क्रैच लगे चश्मे को पहनने से आंखें हो सकती हैं खराब, ये होते हैं 5 साइड इफेक्ट्स

अगर आप भी ऐसे लोगों में खुद की गिनती करते हैं, जो चश्मे के लेंस पर स्क्रैच आने के बावजूद आंखों का नंबर बदलने तक उसी चश्मे का यूज करते रहते हैं तो समय रहते अपनी इस आदत को बदल डालिए। ऐसा ना करने पर आप अपनी आंखों को अनजाने में 5 बड़े नुकसान पहुंचा रहे हैं। जी हां, चश्मे के लेंस पर लगे स्क्रैच को नॉर्मल समझकर पुराना चश्मा यूज करने वाले लोग ना सिर्फ असुविधा झेलते हैं बल्कि अनजाने में अपनी आंखों की सेहत को भी नुकसान पहुंचा लेते हैं। आइए जानते हैं स्क्रैच लगे लेंस वाला चश्मा पहनने से आंखों को क्या नुकसान हो सकता है।

स्क्रैच वाला चश्मा पहनने के साइड इफेक्ट्स

आंखों में तनाव

स्क्रैच वाला चश्मा पहनने से दृष्टि अस्पष्ट होती है, जिससे आंखों को कुछ भी देखने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। नतीजा, आंखों में थकान, तनाव और सिरदर्द हो सकता है।

नेत्र रोग का खतरा

चश्मे के लेंस पर अक्सर एंटी रिफ्लेक्टिव ब्लू लाइट फिल्टर या यूवी प्रोटेक्शन कोटिंग होती है। लेकिन जब लेंस पर खरोच आती हैं, तो यह कोटिंग धीरे-धीरे खराब होने लगती है,जिससे आंखों की सुरक्षा पर असर पड़ सकता है। सूरज की हानीकारक किरणों से आंखों का बचाव नहीं होता है और लंबे समय में व्यक्ति को मोतियाबींद या नेत्र रोगों का खतरा बढ़ जाता है।

आंखों में जलन और सूखापन

स्क्रैच लगे लेंस को पहनने की वजह से आंखें अधिक तनावग्रस्त महसूस कर सकती हैं। जिसकी वजह से पलकें कम झपकती हैं, जो आंखों में सूखापन या जलन की समस्या पैदा कर सकता है।

संक्रमण का जोखिम

अगर चश्मे के लेंस पर गहरी खरोंचें हैं, तो उनमें गंदगी या बैक्टीरिया जमा हो सकते हैं, जिससे आंखों में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।

मानसिक तनाव

चश्मे के लेंस पर लगे स्क्रैच की वजह से व्यक्ति को साफ दिखाई नहीं देता। जिसकी वजह से व्यक्ति को असुविधा और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है। जो आमतौर पर मानसिक तनाव और चिड़चिड़ापन का कारण बनती है।

SOURCE : LIVE HINDUSTAN