Home राष्ट्रीय समाचार लगातार हार के बावजूद सीएसके के लिए धोनी इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं?

लगातार हार के बावजूद सीएसके के लिए धोनी इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं?

3
0

Source :- BBC INDIA

एमएस धोनी

इमेज स्रोत, ANI

पिछले सप्ताह जब कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के ख़िलाफ़ चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के घरेलू मुक़ाबले से ठीक पहले यह ख़बर आई कि सीएसके के कप्तान एमएस धोनी होंगे, तो सोशल मीडिया, विशेषज्ञ और कमेंटेटर तक रोमांचित हो उठे थे.

व्यापक तौर पर यह घोषणा की गई थी कि कप्तान के तौर पर धोनी की वापसी सीएसके के लिए वो चिंगारी साबित हो सकती है, जिसकी सीएसके को ज़रूरत थी.

लेकिन सीएसके के लिए आईपीएल का यह सीज़न अब तक बहुत कठिन रहा है.

पांच बार की चैंपियन टीम, जो अपने पिछले पांच मैचों में से चार हार चुकी थी, एक बार फिर अपने करिश्माई कप्तान के नेतृत्व में 11 अप्रैल को केकेआर के ख़िलाफ़ उतर रही थी.

लाल लाइन
लाल लाइन
धोनी

इमेज स्रोत, Getty Images

सीएसके के कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ की कोहनी में फ्रैक्चर होने की ख़बर पीछे चली गई और कप्तान के तौर पर धोनी की वापसी की ख़बर बड़ी बन गई.

मगर, धोनी के कप्तान होने के बावजूद केकेआर के ख़िलाफ़ मैच में जो हुआ, उसने भी ख़ूब शोर मचाया.

आईपीएल के 18 सीज़न में पहली बार ऐसा हुआ, जब सीएसके लगातार तीन घरेलू मैच हार गई. सीएसके के लिए चेपॉक का किला, अब किला नहीं रहा.

केकेआर के ख़िलाफ़ सीएसके की हार भी ऐसा पहला मौक़ा था, जब सीएसके लगातार पांच मैच हारी.

सीएसके टेबल में सबसे नीचे है, बावजूद इसके सबसे ज़्यादा उनकी चर्चा है. मीडिया हो या सोशल मीडिया, वहां सीएसके पर अधिकांश बातचीत धोनी से शुरू होकर उन्हीं पर ख़त्म होती है. या फिर धोनी ब्रांड और उनकी पिछली सफलताओं के बारे में बात होती है.

हालांकि सीएसके के कुछ पक्के प्रशंसक ये तर्क दे सकते हैं कि अतीत का प्रदर्शन फिर से दोहराया जाएगा.

दरअसल, सीएसके ने आईपीएल के दो ख़िताब साल 2021 और 2023 में धोनी की कप्तानी में ही जीते हैं.

धोनी का प्रदर्शन

धोनी

इमेज स्रोत, Getty Images

अगस्त 2020 में एमएस धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. इसके बाद से धोनी पूरे साल में सिर्फ़ आईपीएल क्रिकेट ही खेलते हैं.

कप्तान के तौर पर दो ख़िताबों के अलावा, धोनी का स्ट्राइक रेट पिछले कुछ सीज़न में पहली नज़र में अच्छा लग सकता है.

यह साल 2021 में 106.54, साल 2022 में 123.4, साल 2023 में 182.45, साल 2024 में 220.5 और इस सीज़न में अब तक 146.4 का रहा है.

मगर, आंकड़ों पर गौर करना और इस समयसीमा में धोनी में आए बदलावों पर ध्यान देना भी महत्वपूर्ण है.

धोनी अब 40 की उम्र के पड़ाव पर हैं. उन्होंने इस दौरान बल्लेबाज़ी करने के मामले में नाटकीय तौर पर कमी कर दी है.

हालांकि, आप कहेंगे कि उनको ‘बल्लेबाज़ी के लिए चुना गया’ है और यह तो असंभव है कि धोनी के अलावा कोई और यह निर्णय ले कि उनको कब और कहां बल्लेबाज़ी के लिए उतरना है.

धोनी का स्ट्राइक रेट जैसा भी हो, लेकिन हर सीज़न में धोनी जितनी गेंद खेल रहे हैं, उसकी संख्या में कमी आ रही है.

2020-21 के बाद से धोनी ने हर सीज़न में 200 से कम गेंदों का सामना किया है.

पिछले दो सीज़न में, धोनी ने 100 से भी कम गेंदें खेलीं. साल 2023 में धोनी ने 12 पारियों में कुल 57 गेंदें खेली थीं. साल 2024 में धोनी ने 11 पारियों में कुल 73 गेंदें खेलीं.

इन तीन सीज़न में, धोनी 26 बार नॉट आउट रहे. यह बताता है कि वो कितने निचले क्रम में बल्लेबाज़ी के लिए उतरते हैं और वो खेल में कितनी देर से उतरते हैं.

मौजूदा सीज़न में धोनी का बल्ला कितना चला

धोनी

इमेज स्रोत, Getty Images

इस सीज़न में धोनी ने छह पारियों में केवल 71 गेंदों का सामना किया है. यह प्रति मैच 12 गेंदों से कम है.

इनमें 13 गेंदों को धोनी ने सीमा पार भेजा. इनमें छह चौके और सात छक्के शामिल हैं. बची हुईं 58 गेंदों पर धोनी ने केवल 38 रन बनाए हैं.

इससे भी ज़्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि धोनी कितनी देर से बल्लेबाज़ी करने उतरे हैं. दो बार ऐसा मौका आया, जब धोनी नंबर 9 पर बल्लेबाज़ी करने उतरे, तब तक टीम मैच हार चुकी थी.

सीएसके के कोच स्टीफ़न फ़्लेमिंग ने इस बल्लेबाज़ी को लेकर एक तरह से भ्रामक स्पष्टीकरण भी दिया.

उन्होंने कहा, “हां, यह टाइम की बात है. एमएस इसका अंदाज़ा लगाते हैं. वो दस ओवर तक बल्लेबाज़ी नहीं कर सकते हैं. इसलिए, वो मैच वाले दिन अंदाज़ा लगाएंगे कि वो हमारे लिए क्या कर सकते हैं.”

एक ऐसी टीम, जहां परिणाम अच्छे आ रहे हों, तो एक अनुभवी बल्लेबाज़ को बचाना हमेशा स्वीकार्य होगा.

लेकिन, उम्रदराज़ धोनी और बल्लेबाज़ी को लेकर उनके संघर्ष के लिए सीएसके के पास कोई कारण नहीं हैं.

सीएसके पर धोनी की छाप

सीएसके

इमेज स्रोत, Getty Images

चेन्नई के लोगों ने मुझे बताया कि धोनी का सीएसके ब्रांड इतना ताक़तवर है कि यदि धोनी प्लेइंग इलेवन में शामिल न हों, तो फ़्रेंचाइज़ी टिकट नहीं बेच पाएगी या स्टेडियम में सीटें नहीं भरेंगीं.

चेन्नई जैसे क्रिकेटप्रेमी शहर के लिए इस बात पर यक़ीन करना मुश्किल है, लेकिन अगर यह सच है तो इसका मतलब यह है कि 18 सीज़न तक फ़्रेंचाइज़ी हाथ पर हाथ धर कर बैठी रही है.

क्या इसका फ़ैन बेस केवल एक व्यक्ति के ईर्द-गिर्द बना रह सकता है? क्या सबसे तेज़ और सक्रिय मानी जाने वाली फ़्रेंचाइज़ी ने उत्तराधिकारी की योजना को नज़रअंदाज़ कर दिया है?

अगर पिछले कुछ वर्षों में यह साफ़ नहीं भी था, तो साल 2025 में तो यह साबित हो चुका है कि सीएसके अब इतनी गहराई से धोनी के व्यक्तित्व से जुड़ चुकी है कि इस पकड़ से दोनों ही नहीं बच सकते.

सीएसके ने अपने मेगा ऑक्शन फ़ंड को उन खिलाड़ियों में निवेश किया जो पहले के आईपीएल युग के खिलाड़ी हैं. वे टी20 क्रिकेट का प्रारूप खेल रहे हैं और फ़्रेंचाइज़ी मालिक भी अतीत में फंस गए हैं.

धोनी का फ़ार्मूला काम नहीं कर रहा

धोनी

इमेज स्रोत, Getty Images

अंतिम कुछ ओवरों में खेल को रोमांचक बनाने और छक्कों के साथ इसका समापन करने का धोनी का मशहूर फ़ार्मूला अब काम नहीं कर रहा है.

आजकल बल्लेबाज़ी की पारी के किसी भी चरण में छक्कों की कमी नहीं रही. पॉवर प्ले के स्कोर तेज़ी से बढ़ रहे हैं और स्ट्राइक रेट भी, क्योंकि युवा बल्लेबाज़ 180 से अधिक रन बनाने का लक्ष्य लेकर उतर रहे हैं.

सीएसके के नेतृत्व ने, जिसमें धोनी को शामिल किया जाना चाहिए, उस तरह के बल्लेबाज़ों पर ध्यान नहीं दिया, उनमें निवेश नहीं किया या उन्हें विकसित नहीं किया.

इस सीज़न में किसी भी अन्य आईपीएल टीम के मुक़ाबले सीएसके ने सबसे अधिक डॉट बॉल खेले हैं.

अभी तक खेले गए अपने छह मैचों में 119.1 ओवरों के दौरान, उन्होंने 245 डॉट गेंदें खेलीं, यानी 40 से ज़्यादा ओवर बिना रनों के रहे. सीएसके ने सभी टीमों से कम छक्के लगाए.

यह अकेली टीम है जो प्रतियोगिता के दौरान एक ओवर में औसतन आठ से भी कम रन बना सकी है.

धोनी

इमेज स्रोत, Getty Images

इस सीज़न में धोनी के प्रदर्शन में सीएसके का क्रिकेट झलकता है और धोनी का प्रदर्शन सीएसके की लय के साथ क़दम से क़दम मिलाकर चल रहा है, लेकिन उस तरह से नहीं जिससे कोई मदद मिलती हो.

अपने फ़ॉर्म वाले समय में, विकेटकीपर, बल्लेबाज़ और कप्तान के रूप में धोनी सीएसके के लिए ऐसे खिलाड़ी थे, जिसका कोई विकल्प नहीं था.

आज धोनी विकेटकीपर के रूप में अपनी जगह बना सकते हैं और मैच के एक छोटे हिस्से के खेल को नियंत्रित करने में अपनी कप्तानी से कुशलता दिखा सकते हैं.

लेकिन धोनी की अगुवाई वाली सीएसके 2025 की टीम हर विभाग में थकी हुई दिखाई देती है. इसी तरह की थकान धोनी में भी दिखाई देती है.

लेकिन सीएसके अपने स्टार खिलाड़ी को कोई आराम देने में जल्दबाज़ी करती नहीं दिखाई दे रही है, भले ही उसका स्टार खिलाड़ी न चल पा रहा हो.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

SOURCE : BBC NEWS