Source :- LIVE HINDUSTAN
डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति को रेसिप्रोकल टैरिफ कहा जाता है। इसका उद्देश्य अमेरिकी व्यापार घाटे को कम करना और घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देना है। इसके तहत अमेरिका उन देशों पर उतना ही टैरिफ लगाता है, जितना वे अमेरिकी उत्पादों पर लगाते हैं।

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप सरकार और ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन के बीच टैरिफ को लेकर खींचतान देखी गई। हालांकि, अमेजन ने जल्द ही साफ कर दिया कि उसने किसी भी ऐसे प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी, जिसमें उपभोक्ताओं को यह दिखाया जाएगा कि हर एक प्रोडक्ट पर कितना अमेरिकी टैरिफ लगा है। प्रोडक्ट्स पर टैरिफ दिखाने की बात की लेकर ही ट्रंप सरकार भड़की थी। अमेजन के प्रवक्ता टिम डॉयल ने कहा, ‘हमारी अल्ट्रा लो कॉस्ट अमेजन हॉल स्टोर चलाने वाली टीम ने कुछ उत्पादों पर आयात शुल्क दिखाने का विचार किया था। हालांकि, इसे कभी मंजूरी नहीं मिली और ऐसा होने वाला नहीं है।’
इससे पहले, मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि ई-कॉमर्स साइट जल्द ही यह दिखाना शुरू करेगी कि ट्रंप के टैरिफ से प्रत्येक उत्पाद की कीमत कितनी बढ़ी है। सूत्रों के हवाले से यह खबर दी जा रही थी। व्हाइट हाउस ने इस खबर की तुरंत निंदा की। प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने इसे अमेजन का शत्रुतापूर्ण और राजनीतिक कदम करार दिया। उन्होंने वाशिंगटन में मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, ‘जब बाइडेन प्रशासन ने मुद्रास्फीति को 40 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचाया, तब अमेजन ने ऐसा क्यों नहीं किया?’
ट्रंप की टैरिफ नीति 90 दिनों के लिए स्थगित
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल से विभिन्न देशों पर टैरिफ लागू किए। भारत पर 26% टैरिफ लगाया गया, क्योंकि ट्रंप का मानना है कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर 52% तक टैरिफ वसूलता है। चीन पर सबसे अधिक 125% टैरिफ लगा, जवाब में चीन ने 34% टैरिफ लगाया। अन्य देशों में पाकिस्तान पर 29%, श्रीलंका पर 44%, इंडोनेशिया पर 32%, मलेशिया पर 24%, और फिलीपींस पर 17% टैरिफ शामिल हैं। कनाडा, मैक्सिको, रूस और उत्तर कोरिया को कुछ छूट दी गई। स्टील और एल्यूमिनियम आयात पर 25% टैरिफ सभी देशों पर लागू है। हालांकि, 9 अप्रैल को ट्रंप ने 75 देशों पर टैरिफ 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिए, लेकिन चीन पर टैरिफ बरकरार रहा। इस नीति से वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बढ़ी। भारत जैसे देशों को अवसर के साथ-साथ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
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