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‘मुझे दफना देना…’ जब सुपरस्टार ने पूरी की पत्नी की आखिरी ख्वाहिश, समाज के खिलाफ जाकर किया था ये काम

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नरगिस दत्त के निधन से टूट गए थे सुनील दत्त

बॉलीवुड में ऐसे कई स्टार हैं, जिन्होंने इंटरफेथ मैरिज की है। इस लिस्ट में बॉलीवुड के दो दिवंगत सुपरस्टार्स का नाम भी शामिल है, जिन्होंने मजहब की दीवार लांघकर एक-दूसरे का हाथ थामा और ताउम्र साथ रहे। ये नाम हैं सुनील दत्त और नरगिस दत्त, जिन्होंने अलग-अलग धर्म से होते हुए एक-दूसरे का साथ चुना था। नरगिस दत्त और सुनील दत्त ने 1958 में शादी की थी और दोनों का साथ 1981 में अभिनेत्री के निधन साथ टूट गया। लंबे समय तक कैंसर से जूझने के बाद नरगिस दत्त ने 1981 में इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। ये वो समय था, जब संजय दत्त की डेब्यू फिल्म ‘रॉकी’ आने वाली थी। अब अभिनेत्री की बेटी और पूर्व राजनीतिज्ञ प्रिया दत्त ने अपनी मां नरगिस दत्त और पिता के बारे में बात की और अभिनेत्री के निधन के समय से जुड़ी कई बातें साझा कीं।

नरगिस दत्त का निधन

प्रिया दत्त ने हाल ही में विक्की लालवानी के साथ बातचीत में अपनी मां के निधन के समय के बारे में बात की और कहा – ‘जब मेरी मां अस्पताल में एडमिट थीं, मेरे पिता कुछ भी खाने को तैयार नहीं थे। वे लगातार बस स्मोकिंग कर रहे थे और बहुत परेशान थे। ऐसे में हमें उनका ख्याल रखना था, देखना था कि वे कुछ खा रहे हैं या नहीं, क्योंकि हम उन्हें नहीं खो सकते थे। संजय के लिए भी ये समय बहुत कठिन था। उसी दौरान उसकी पहली फिल्म आनी थी। मां ने कहा था कि फिल्म की रिलीज में देरी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि वो स्ट्रेचर पर फिल्म देखने आएंगी, लेकिन संजय की फिल्म की रिलीज से 3-4 दिन पहले ही उनका निधन हो गया। ये समय संजय के लिए बहुत मुश्किल था। उन्हें इस बात का दुख था कि मां उनके करियर को उड़ान भरते नहीं देख सकेंगी।’

क्या थी नरगिस दत्त की आखिरी ख्वाहिश?

इसी दौरान प्रिया ने बताया कि कैसे उनके पिता सुनील दत्त को अपनी पत्नी की आखिरी ख्वाहिश पूरी करने पर ताने सुनने पड़े। उन्होंने कहा- ‘रॉकी का प्रीमियर हुआ और हमने पापा के बगल में मां के लिए एक सीट खाली छोड़ दी। उनका अंतिम संस्कार एक बहुत ही अवास्तविक दृश्य था। मेरे पिता के पास, निश्चित रूप से, हर जगह से पुजारी आए थे जो उनके लिए प्रार्थना करने आए थे। लेकिन उन्होंने कहा- ‘कई लोगों ने मुझसे कहा कि उसकी शादी एक हिंदू से हुई थी, इसलिए उनका (नरगिस दत्त) अंतिम संस्कार हिंदू तरीके से होना चाहिए।’ लेकिन उन्होंने कहा- ‘नहीं, ये उनकी इच्छा थी कि उन्हें दफनाया जाए, और हम उनकी इच्छा के अनुसार सब कुछ करेंगे।’

Nargis Dutt

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बच्चों के साथ नरगिस और सुनील दत्त

सुनील दत्त ने पूरी की नरगिस की आखिरी ख्वाहिश

प्रिया दत्त ने आगे कहा- ‘लिहाजा मां के निधन के बाद पापा ने उन्हें दफनाए जाने पर जोर दिया। मेरी मां चाहती थीं कि उन्हें उनकी मां के बगल में दफनाया जाए। हम जब उनका पार्थिव देह लेकर घर आए तो वहां मीडियाकर्मी भी पहुंच चुके थे और उनमें से एक शख्स ने मुझसे पूछा कि मैं कैसा महसूस कर रही हूं। मैंने जरूर कुछ कहा होगा, क्योंकि इसके बाद हमें पापा एक कमरे में ले गए और कहा कि अगर रोना और चीखना है तो हमें यहीं ऐसा करना चाहिए, क्योंकि बाहर हमें संयम बनाए रखना है।’ बता दें, नरगिस को दफनाए जाने को लेकर सुनील दत्त को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।

नरगिस के निधन से टूट गए थे सुनील दत्त

आगे प्रिया दत्त  ने बताया कि कैसे नरगिस के निधन के बाद सुनील दत्त पूरी तरह टूट चुके थे। वह नरगिस के निधन से इतने दुखी हो गए थे कि उन्हें छोटे-मोटे काम करने में भी दिक्कत होने लगी थी। वह कई बार आधी रात को उठकर उनकी कब्र पर चले जाते और घंटों वहीं बैठे रहते। लेकिन, फिर उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें अपने बच्चों, खासतौर पर बेटे संजय के लिए वहां रहना होगा, जो नशे की लत में फंस चुका था। बेटे संजय के लिए वह रातों-रात अपने दुख से बाहर आ गए।

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