Source :- NEWS18
भोपाल. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल झीलों की नगरी के साथ खाने की नगरी बनती जा रही है. यहां खाने के ढेरों विकल्प चखने को मिल जाते हैं. स्वाद के चटोरों के लिए आज हम कुछ अलग तरह के समोसे लेकर आए हैं, जिसमें पिज्जा और पास्ता समोसा सबसे ज्यादा खास है. आलू की स्टफिंग वाले तिकोने समोसे, तो आम तौर पर सभी ने खाए होंगे. मगर नए शहर के 6 नंबर मार्केट में एक शॉप ऐसी भी है, जहां न केवल डिफरेंट डिजाइन के समोसे बनते हैं, बल्कि इनका स्वाद भी लाजवाब है.
यहां के शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में स्थित हरिओम स्वीट्स नामक दुकान पर दिनभर लोगों की भारी भीड़ देखने को मिल जाती है. लोकल 18 से बात करते हुए दुकान संचालक विनीत वर्मा ने बताया कि मैं और मेरा भाई अब इस दुकान का संचालन कर रहे हैं. इसकी शुरुआत सन् 1970 में हमारे पिताजी स्व. प्रेमशंकर वर्मा ने की थी. विनीत बताते हैं कि हमारे यहां रूटीन नाश्ते के अलावा करीब 5 तरह के समोसे मिलते हैं. इसमें आलू, पास्ता, पिज्जा, चीज और चिली पनीर समोसे शामिल हैं.
मौसम के हिसाब से भी समोसे बनाए जाते हैं. सर्दियों के मौसम में यहां स्प्राउट समोसे और मिक्स वेज समोसे भी बनाए जाते हैं. हर वेरायटी के समोसे की डिजाइन भी अलग होती है, ताकि ग्राहक और हमें दोनों को आसानी से पता चल सके कि कौन सा समोसा किस जायके का है. इसमें आलू समोसा 15 रुपए और बाकी समोसे 30 रुपए के मिलते हैं. इसके अलावा हींग कचौड़ी, आलू-प्याज की कचौड़ी, खांडवी, मिर्ची पकौड़ा भी रखते हैं.
कैसे आया इसका आइडिया?
विनीत बताते हैं कि आमतौर पर हर जगह आलू समोसा ही मिलता है. मगर हमने बदलते ट्रेंड को देखकर और बच्चों की डिमांड पर पिज्जा-पास्ता फ्लेवर वाले समोसे बनाना शुरू किया. इसके लिए सबसे पहले हमने पास्ता समोसा से शुरुआत की, जिसका स्वाद बच्चों को खूब पसंद आया और उन्होंने दूसरे सिलेबस के समोसे बनाने की मांग रखी. फिर धीरे-धीरे देखते देखते हमने अलग-अलग फ्लावर्स में समोसे बनाना शुरु किये और आज लोगों को इनका स्वाद खूब पसंद आता है.
रोजाना बिक जाते 500 से ज्यादा समोसे
वह बताते हैं कि हमारे यहां पहले सिर्फ नाश्ता रखते थे, जिसमें पोहा, जलेवी, कचौड़ी, समोसा, आलू बड़ा, गुलाब जामुन शामिल थे. इसके बाद सन् 1994 से हमने मिठाइयां बनाना भी शुरू कर दिया. हमारे पास चंद्रकला, बूंदी के लड्डू, बटर स्कॉच वर्फी और कोकोनट फर्फी सहित कई वेरायटी की मिठाइयां शामिल हैं. विनीत ने बताया कि प्रतिदिन 400 से 500 समोसे की ब्रिकी हो जाती है. वहीं, स्पेशल समोसों में पिज्जा और पास्ता समोसों की डिमांड सबसे अधिक होती है. पास्ता समोसा बनाने में सबसे अधिक समय लगता है, क्योंकि इसमें डिजाइनिंग की जाती है.
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