Source :- NEWS18
Last Updated:April 25, 2025, 21:17 IST
कश्मीर के पहगाम में हुए आतंकी हमले की हर कोई निंदा कर रहा है. वहां से सामने आए फोटोज और वीडियोज तो ऐसे हैं, जिन्हें देखकर कलेजा फट जाए. खासतौर पर नेवी में लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात विनय नरवाल और उनकी पत्नी हिमा…और पढ़ें
एल्विश संग पढ़ती थीं लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी
हाइलाइट्स
- पहलगाम आतंकी हमले में विनय नरवाल की मौत
- एल्विश यादव की दोस्त हिमांशी ने पति को खोया
- हिमांशी और एल्विश हंसराज कॉलेज में साथ पढ़े
नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में मारे गए सैलानियों की फोटोज और वीडियो लोगों का दिल दहला रही हैं. आतंकियों के इस कायराना हमले की हर कोई निंदा कर रहा है. उस दर्दनाक मंजर के तमाम वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहे हैं. लेकिन लेफ्टिनेंट विनय नरवाल और उनकी पत्नी हिंमाशी की फोटोज और वीडियो ने वहां के मंजर को लोगों के सामने ला दिया है. अब खुद एल्विश यादव ने कहा है कि हिमांशी उनकी दोस्त हैं.
वायरल हो रही लड़की का नाम हिमांशी है और उनकी अपने पति के शव के पास बैठे हुए दिल को झकझोर कर रख देने वाली ये तस्वीर जिसने भी देखी उसका दिल पसीज गया. अब एल्विश यादव ने बताया है कि वो उनकी दोस्त हैं और उन्हें भी बहुत बाद में पता चला कि घटना में मारा गया शख्स उनकी दोस्त का पति था.
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व्लॉग में किया बड़ा खुलासा
एल्विश ने अपने व्लॉग में खुद इस बात का खुलासा किया कि विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी उनकी दोस्त हैं. उन्होंने कहा, ‘मैंने वो वीडियो देखा जिसमें जो हमारे नेवी में थे भाई… जिसमें उनकी पत्नी उस दर्दनाक मंजर के बारे में बता रही हैं कि कैसे उन्होंने आकर वहां मौत की होली खेल डाली. मैंने जब वीडियो देखी, तो मैंने उस वक्त वो वीडियो इतने ध्यान से नहीं देखी थी, मैं बस आवाज सुन रहा था कि क्या हुआ क्या नहीं. उसके बाद जब मैंने ढंग से वो वीडियो देखी मैंने कहा ये चेहरा तो कहीं पर देखा है, बहुत जाना पहचाना चेहरा लगा मुझे.’
हिमांशी के साथ पढ़े हुए हैं एल्विश यादव
एल्विश ने व्लॉग में अपनी बात रखते हुए कहा, ‘मैंने याद किया कि हम तो एक ही क्लास में थे. हंसराज कॉलेज में हम साथ पढ़ते थे उसका इकनॉमिक ऑनर्स था कोर्स, मेरे साइड वाली क्लास में पढ़ती थीं, हिमांशी, उस वक्त जो मेरी हालत थी, मैं बता नहीं सकता कि है भगवान ये मैंने क्या देखा? हिमांशी और मैं साथ में पढ़े हैं, 2018 में आखिरी बार बात हुई थी. वो भी गुड़गांव की ही है, हम लोग मेट्रो से जाया करते थे साथ में, इतना एन्जॉय करते थे.
बता दें कि एलविश ने बताया कि उनका नंबर होते हुए भी उन्होंने अपनी एक दोस्त से हिंमाशी को कॉल कराया. जिसका नाम दिपांशी है, मैंने जैसे ही कहा कि मैं बोल रहा हूं उसके मुंह से निकला ‘हां वो हिमांशी है’. मेरे कुछ कहने से पहले ही उसने सब बयां कर दिया. दीपांशी ने हिमांशी को उस वक्त 30 बार फोन किया था, तब कहीं जाकर 31वीं बार उसने फोन उठाया और सारा हाल बताया था.
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