Source :- LIVE HINDUSTAN
यह फायरिंग उन्हें निशाना बनाकर नहीं की गई, लेकिन उन्हें चेतावनी देने के तौर पर की गई कि यहां आपकी जरूरत नहीं है। गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार यह हमला बुधवार को उस वक्त हुआ है, जब कुल 25 डिप्लोमैट्स इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक इलाके के जेनिन पहुंचे थे।

अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में बड़ी वारदात हुई है। इजरायली दूतावास के दो स्टाफ को यहूदी म्यूजियम के पास गोली मार दी गई, जिसमें उनकी मौत हो गई। वहीं इजरायल पर आरोप है कि उसने वेस्ट बैंक पहुंचे 31 देशों के राजनयिकों को चेतावनी देते हुए फायरिंग की है। यह फायरिंग उन्हें निशाना बनाकर नहीं की गई, लेकिन उन्हें चेतावनी देने के तौर पर की गई कि यहां आपकी जरूरत नहीं है। गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार यह हमला बुधवार को उस वक्त हुआ है, जब कुल 25 डिप्लोमैट्स इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक इलाके के जेनिन पहुंचे थे। इसी दौरान इजरायल की सेना ने फायरिंग की। इस फायरिंग की निंदा की जा रही है।
सोशल मीडिया पर कई फुटेज भी वायरल हो रहे हैं, जिसमें दिखता है कि ये डिप्लोमैट्स मीडिया को इंटरव्यू दे रहे होते हैं। इसी दौरान उनके पास ही फायरिंग की जाती है। इसके चलते डिप्लोमैट्स घबरा जाते हैं और शरण लेने के लिए भागते हैं। इन डिप्लोमैट्स में 31 देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं। इनमें से कई तो राजदूत हैं और कुछ दूतावासों के स्टाफ हैं। इन देशों में इटली, कनाडा, मिस्र, चीन, रूस, जॉर्डन, ब्रिटेन जैसे देश भी शामिल हैं। कई पावरफुल देशों के राजनयिकों पर चेतावनी फायरिंग करने की निंदा हो रही है और आने वाले दिनों में इजरायल की चिंताएं इससे बढ़ सकती हैं।
दरअसल डिप्लोमैट्स का यह ग्रुप फिलिस्तीनी अथॉरिटी की ओर से आयोजित ट्रिप पर गया था। फिलिस्तीन प्रशासन ने इन्हें वहां मानवाधिकारों के उल्लंघन की स्थिति का जायजा लेने के लिए बुलाया था। इजरायली सेना का कहना है कि यह ट्रिप तो पहले से मंजूरी लेकर हो रही थी, लेकिन उसका रूट गलत था। ये डिप्लोमैट्स पहले से तय रूट से इतर जा रहे थे। ऐसे में उन्हें गंभीर चिंता वाले इलाकों से दूर रहने की चेतावनी देते हुए फायरिंग की गई। अब इस मामले ने तनाव बढ़ा दिया है। कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस समेत कई यूरोपीय देशों ने इजरायल के राजदूतों को तलब किया है और इस वाकये पर आपत्ति जाहिर की है।
22 देशों ने पहले ही खोला है इजरायल के खिलाफ मोर्चा
बता दें कि पहले ही यूरोप से लेकर जापान तक कुल 22 देशों ने इजरायल के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। इन देशों का कहना है कि इजरायल को अब सैन्य कार्रवाई गाजा में रोक देनी चाहिए। इसके अलावा मानवीय सहायता पर भी किसी तरह की रोक न रहे। फिलहाल इजरायल ने मानवीय सहायता को आंशिक तौर पर जाने दिया है, लेकिन अब भी पूरी तरह से छूट नहीं दी है। हालांकि अमेरिका में इजरायली दूतावास स्टाफ के कत्ल से तनाव फिर से चरम पर पहुंच सकता है। माना जा रहा है कि इसमें हमास से जुड़े लोग ही शामिल हो सकते हैं। अब तक हमास ने इस घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है।
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