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पीरियड्स में दौड़ लगाने से सेहत को मिलते हैं ये 5 फायदे, ब्लोटिंग और दर्द में भी राहत

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Source :- LIVE HINDUSTAN

Benefits of running during periods: एक्सपर्ट्स की मानें तो पीरियड के दौरान आधे घंटे की रनिंग करने से शरीर खुलता है, जिससे दर्द में राहत मिलती है। आइए जानते हैं महावारी के दौरान दौड़ लगाने से सेहत को क्या फायदे मिलते हैं।

पीरियड्स के दौरान एक महिला का शरीर कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव से होकर गुजरता है। महावारी के दौरान होने वाले इन बदलावों को प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) के रूप में जाना जाता है। जिसमें मूड स्विंग्स, थकान, पेट दर्द, कमजोरी, सिरदर्द और ब्रेस्ट में दर्द जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। ऐसे में कुछ महिलाएं इस समय खुद को आराम देने पर तवज्जो देती हैं तो कुछ महिलाएं शरीर को एक्टिव बनाए रखने के लिए हल्की एक्सरसाइज का सहारा लेती हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पीरियड्स के दौरान रनिंग यानी दौड़ लगाई जा सकती है या नहीं। अगर आपके मन में भी यह सवाल कई बार आ चुका है तो आपको बता दें, जी हां, पीरियड के दौरान भी रनिंग की जा सकती है। एक्सपर्ट्स की मानें तो पीरियड के दौरान आधे घंटे की रनिंग करने से शरीर खुलता है, जिससे दर्द में राहत मिलती है। आइए जानते हैं महावारी के दौरान दौड़ लगाने से सेहत को क्या फायदे मिलते हैं।

पीरियड्स के दौरान रनिंग करने के फायदे

दर्द और ऐंठन में राहत

पीरियड्स के दौरान रनिंग करने से शरीर में एंडोर्फिन हार्मोन (खुशी के हार्मोन) निकलते हैं, जो पीरियड्स के दौरान होने वाली ऐंठन, पेट दर्द और मूड स्विंग्स को कम करने में मदद करते हैं।

रक्त संचार में सुधार

पीरियड्स के दौरान दौड़ लगाने से रक्त प्रवाह बेहतर होता है, जिससे पेल्विक क्षेत्र में महसूस होने वाली जकड़न और ब्लोटिंग में राहत मिलती है।

मूड स्विंग्स करें कंट्रोल

पीरियड्स के दौरान हल्की दौड़ या जॉगिंग करने से तनाव हार्मोन (कोर्टिसोल) में कमी आती है, जिससे चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग्स कंट्रोल रहता है।

वजन करें कंट्रोल

पीरियड्स के दौरान ब्लोटिंग और वाटर रिटेंशन आम हैं, लेकिन दौड़ना या व्यायाम करना कैलोरी बर्न करने में मदद कर सकता है। हालांकि, अगर आपको बहुत दर्द हो रहा है या आप असहज महसूस कर रही हैं, तो दौड़ना बंद कर दें।

एनर्जी बनाए रखें

पीरियड्स के दौरान थकान और कमजोरी बेहद आम समस्या है, लेकिन इस समय दौड़ लगाने से शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ सकता है, जिससे सुस्ती कम महसूस होती है।

बरतें ये सावधानियां

-डिहाइड्रेशन होने पर रनिंग करने से बचें।

-पीरियड्स के दौरान लगातार दौड़ने से बचें।

-पीरियड्स के दौरान ज्यादा तेज ना दौड़ें।

-पीरियड्स का दर्द ज्यादा होने पर रनिंग ना करें।

SOURCE : LIVE HINDUSTAN