Source :- Khabar Indiatv
अब्दाली मिसाइल।
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव तेजी से बढ़ रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही लगातार बॉर्डर पर कार्रवाई जारी है। भारत लगातार जवाबी हमले कर रहा है। 9 और 10 मई की रात पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल से भारत पर हमले किए, लेकिन भारत ने सभी हमलों को पूरी तरह नाकाम किया है। इन्हीं हमलों के बीच पाकिस्तान की एक और मिसाइल का नाम सामने आया है। कहा जा रहा है कि जैसलमेर में भारतीय सेना ने अब्दाली मिसाइल को हवा में ही ध्वस्त कर दिया है। फिलहाल इस हमले में एक शॉर्ट रेंज की मिसाइल का इस्तेमाल किया गया। कैसे होता है इसका इस्तेमाल, क्या है इसकी रेंज, जानें इससे जुड़ी हर बारीक डिटेल।
इस शख्स के नाम पर रख गया है नाम
अब्दाली मिसाइल को पाकिस्तान में हात्फ-II के नाम से भी जाना जाता है। ये एक कम दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है। यह पाकिस्तान की सेना के सट्रैटेजिक फोर्स के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक हथियार है, जिसे पाकिस्तान की अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। पाकिस्तान की अंतरिक्ष अनुसंधान आयोग (SUPARCO) और रक्षा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संगठन (DESTO) ने इसे मिलकर तैयार किया है। इसका नाम अहमद शाह अब्दाली के नाम पर रखा गया है, जो 18वीं शताब्दी के अफगान शासक थे।
कितनी है इसकी रेंज, कैसा है लॉन्च सिस्टम
इसकी रेंज 180–200 किमी है और इसका वजन लगभग 1750 किलोग्राम होता है। लंबाई की बात करें तो ये 6.5 मीटर लंबी होती है। इसका डायामीटर 0.56 मीटर है। इसका वॉरहेड 250–450 किलोग्राम का हाई एक्सप्लोसिव (HE) या इंप्रूवड कनवेंशनल म्यूनिशन (ICM) है। अब बताते हैं कि इसका लांच सिस्टम कैसा है? इसके आराम से रोड रूट के जरिए ले जाया जा सकता है। इसके लिए MAZ-7310 8-चक्का वाहन पर आधारित ट्रांसपोर्टर-एरेक्टर-लॉन्चर का इस्तेमाल करते हैं और ये इनर्शियल गाइडेंस सिस्टम का प्रयोग करता है। इसकी एक्यूरेसी लगभग 150 मीटर तक की है। इसके लॉन्च सिस्टम में सॉलिड प्रोपेलेंट और सिंगल स्टेज इंजन है।
विशेष विवरण
रेंज | 180 से 200 किलोमीटर |
ईंधन प्रकार | ठोस रॉकेट प्रणोदक |
वॉरहेड क्षमता | 250–450 किलोग्राम (HE/न्यूक्लियर) |
लॉन्च सिस्टम | मोबाइल ट्रक-बेस्ड TEL |
निर्देशन |
जड़त्वीय मार्गदर्शन प्रणाली |
क्या है इसका इतिहास
अब्दाली मिसाइल का विकास साल 1993 में शुरू हुआ था, लेकिन इसे 1994 में चीन से M-11 मिसाइलों की खरीद के कारण अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया। हालांकि साल 1995 में पाकिस्तान सरकार ने इस परियोजना को फिर से मंजूरी दी और साल 1997 में एक नए डिजाइन के साथ कार्य शुरू हुआ। पहला सफल परीक्षण 28 मई 2002 को सोनमियानी परीक्षण रेंज से किया गया, जिसमें मिसाइल ने 180 किमी की दूरी तय की। इसके बाद साल 2005 और साल 2006 में और परीक्षण किए गए और वर्तमान में यह पाकिस्तान की सट्रैटेजिक फोर्स के पास है।
क्या है इसका रणनीतिक महत्व
अब्दाली मिसाइल पाकिस्तान की सट्रैटेजिक फोर्स के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जो सीमित रेंज के बावजूद उच्च परिशुद्धता और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता प्रदान करता है। इसका उपयोग विशेष रूप से सैन्य ठिकानों, हवाई अड्डों, और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को लक्षित करने के लिए किया जा सकता है। हालांकि, इसकी रेंज सीमित है, फिर भी यह पाकिस्तान की सट्रैटेजिक फोर्स के लिए काफी अहम है।
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