Source :- NEWS18
नई दिल्ली. टीवी की ‘अक्षरा’ यानी इंडस्ट्री की मशहूर एक्ट्रेस हिना खान कश्मीर की रहने वाली हैं. 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले से कुछ रोज पहले वह कश्मीर में ही थीं और कश्मीर की सुंदर झलकियों को उन्होंनों फैंस के साथ साझा किया था. हिना खान पहलगाम में मारे गए 26 बेगुनाहों के लिए काफी दुखी हैं. एक्ट्रेस खुद मुस्लिम धर्म से ताल्लुक रखती हैं और एक मुस्लिम होने के नाते सभी हिंदुओं, भारतीयों से इस आंतकी हमले के लिए माफी मांगी है. हिना खान ने इंस्टाग्राम पर एक लंबी-चौड़ी पोस्ट शेयर करके अपना गुस्सा जाहिर किया है और ‘आज के कश्मीर’ की हकीकत को बयां किया है.
हिना खान ने सबसे पहले अपने दिल का दर्द शब्दों में बयां करते हुए लिखा, ‘यह एक काला दिन है. मेरी आंखें नम हैं और दिल बेहद भारी. हम सिर्फ तब तक संवेदनाएं जाहिर करते हैं जब तक सच्चाई से आंखें चुराते रहते हैं. अगर हम स्वीकार नहीं करते कि वास्तव में क्या हुआ, खासकर मुस्लिम होने के नाते तो बाकी सब सिर्फ बातें हैं. साधारण बातें.. कुछ ट्वीट और बस..! जिस तरह से अमानवीय, ब्रेनवॉश आतंकवादियों ने घटना को अंजाम दिया, जो मुस्लिम होने का दावा करते हैं, वह भयावह से भी परे है. मैं कल्पना नहीं कर सकती कि अगर किसी मुस्लिम को बंदूक की नोक पर अपना धर्म बदलने के लिए मजबूर किया गया और उसके बाद उसे मार दिया गया. मेरा दिल बुरी तरह टूट गया है’.
हिना खान ने पोस्ट में घटना पर दुख जताया.
मुस्लिम होने के नाते हिंदुओं से मांगी माफी
अपने पोस्ट में हिना ने आगे लिखा, ‘एक मुस्लिम होने के नाते मैं अपने सभी साथी हिंदुओं और अपने साथी भारतीयों से माफी मांगना चाहती हूं. हमले में जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई, एक भारतीय के तौर पर दिल टूट गया. एक मुस्लिम के तौर पर दिल टूट गया. पहलगाम में जो हुआ, उसे मैं भूल नहीं सकती. इस घटना का असर मुझ पर और मेरी मानसिक स्थिति पर पड़ा है. यह उन सभी का दर्द है, जिन्होंने अपनों को खो दिया है. यह वह दर्द है, जो हर भारतीय महसूस कर रहा है. मैं उनके लिए प्रार्थना कर रही हूं कि उन्हें ये दुख सहने की शक्ति मिले. मैं उन आत्माओं के लिए प्रार्थना कर रही हूं, जिन्हें हमने खो दिया है.’

हिना खान खुद मुस्लिम हैं और कुछ मुस्लिमों के कृत्य के लिए शर्मिंदा हैं.
‘कुछ मुस्लिमों के कृत्य के लिए मैं शर्मिंदा हूं’
उन्होंने घटना की निंदा करते हुए आगे लिखा, ‘मैं इस घटना की निंदा करती हूं. मैं इसे अस्वीकार करती हूं और मैं उन लोगों से नफरत करती हूं, जिन्होंने ऐसा किया. पूरे दिल से, बिल्कुल, बिना किसी शर्त के, जिन्होंने ऐसा किया, वे किसी भी धर्म का पालन कर सकते हैं, वे मेरे लिए इंसान नहीं हैं. कुछ मुस्लिमों के कृत्य के लिए मैं शर्मिंदा हूं. मैं अपने साथी भारतीयों से प्रार्थना करती हूं कि वे हम सभी को अलग-थलग न करें. हम सभी जो भारत को अपना घर और अपनी मातृभूमि कहते हैं. अगर हम एक-दूसरे से लड़ते हैं.हम वही करेंगे जो वे हमसे करवाना चाहते हैं, हमें विभाजित करना, हमें लड़ते रहना और हमें भारतीयों के रूप में ऐसा नहीं होने देना चाहिए’.
‘मैं अपने देश के साथ खड़ी हूं’
हिना खान ने लिखा है, ‘मैं एक भारतीय के रूप में अपने राष्ट्र, अपने सुरक्षा बलों के साथ खड़ी हूं. मैं अपने देश का समर्थन करती हूं. एक भारतीय के रूप में मेरा मानना है कि मेरे खूबसूरत देश में सभी धर्म सुरक्षित और समान हैं. मैं बिना शर्त इसका बदला लेने के अपने देश के संकल्प का समर्थन करूंगी. इस पर कोई सवाल नहीं’.

हिना खान ने कहा कि वो अपने देश का समर्थन करती हैं.
कश्मीरी के दिल में भारत के लिए आस्था और वफादारी
उन्होंने आगे लिखा- ‘मैं बदलाव देख रही हूं. सामान्य स्थिति को बनाए रखने की इच्छा देख रही हूं. आम कश्मीरी की आंखों में दर्द देख रही हूं. युवा कश्मीरी के दिल में भारत के प्रति आस्था और वफादारी देख रही हूं. मुझे आम कश्मीरी के लिए बुरा लग रहा है, जो इस नफरत में पिस रहा है. पिछले कुछ दिनों से घाटी में इतने सारे तिरंगे देखकर राहत मिली है. मैं भारत के लिए प्यार के नारों की सराहना करती हूं. मुझे उम्मीद है कि यह सिलसिला हमेशा जारी रहेगा’.
‘अब समय आ गया है कि हम कश्मीरी अपने कश्मीर को वापस पाएं’
हिना खान ने आखिर में लिखा, ‘कश्मीरी किस तरह से नफरत के इस दुष्चक्र से बाहर निकलना चाहते हैं और जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं. मैं अपने साथी कश्मीरियों से इस भावना को आगे बढ़ाने और कश्मीरी पंडित समुदाय से हमारे भाइयों और बहनों को वापस आने के लिए कहती हूं. क्या आप इसे स्वीकार करेंगे? मैं पूरे दिल से स्वीकार करती हूं. पर्यटन कश्मीरी घरों की आजीविका का स्रोत है…,अब समय आ गया है कि हम कश्मीरी अपने कश्मीर को वापस पाएं, जहां एक कश्मीरी पंडित अपने साथी कश्मीरी मुसलमानों के साथ एक परिवार की तरह रहता था. मैं सह-अस्तित्व में विश्वास करती हूं’.

हिना खान ने कहा कि वो मुसलमान और एक इंसान के तौर पर न्याय चाहती हैं.
‘हम सबसे पहले भारतीय हैं’
आखिर में यही कहूंगी कि मैं एक भारतीय, एक मुसलमान और एक इंसान के तौर पर न्याय चाहती हूं. हम सभी को एक साथ आना चाहिए और इस कठिन समय में भारत का साथ देना चाहिए. उन्हें वो न दें, जो वो चाहते हैं.. हमें एक व्यक्ति के तौर पर एक साथ आना चाहिए. कोई राजनीति नहीं. कोई विभाजन नहीं. कोई नफरत नहीं. कोई बात नहीं. हम सबसे पहले भारतीय हैं. जय हिंद’.
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