Source :- LIVE HINDUSTAN
पहलगाम आतंकी हमले के बाद चीन ने कहा है कि एक पक्के दोस्त और हर मौसम में साथ देने वाले रणनीतिक साझेदार के तौर पर चीन सुरक्षा हितों की रक्षा करने में पाकिस्तान का समर्थन करता है।

Pahalgam Attack: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं। इस माहौल के बीच भी चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आया है। चीन ने रविवार को अपने करीबी सहयोगी पाकिस्तान को उसकी संप्रभुता और सुरक्षा हितों की रक्षा करने में समर्थन देने का ऐलान किया है और पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद नई दिल्ली और इस्लामाबाद से संयम बरतने का आह्वान किया। चीन ने बड़ी बात कहते हुए कहा है कि मौजूदा हालात पर उसकी करीब से नजर है। चीनी विदेश मंत्री वांग की यह टिप्पणी 22 अप्रैल को पहलगाम के पास पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव की पृष्ठभूमि में आई है, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के एक मुखौटा संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली थी।
चीन के बयान में वांग के हवाले से कहा गया, “चीन ने हमेशा पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी कदमों का समर्थन किया है। एक पक्के दोस्त और हर मौसम में साथ देने वाले रणनीतिक साझेदार के तौर पर चीन पाकिस्तान की वाजिब सुरक्षा चिंताओं को पूरी तरह समझता है और अपनी संप्रभुता और सुरक्षा हितों की रक्षा करने में पाकिस्तान का समर्थन करता है।” वांग ने कहा कि चीन मौजूदा स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है और जल्द से जल्द निष्पक्ष जांच का समर्थन करता है।
उन्होंने कहा कि संघर्ष भारत और पाकिस्तान के मौलिक हितों में नहीं है, या क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए अनुकूल नहीं है, और दोनों देशों को संयम बरतना चाहिए, एक-दूसरे से मिलकर काम करना चाहिए और स्थिति को शांत करने को बढ़ावा देना चाहिए। पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री डार ने वांग को आतंकवादी हमले को लेकर पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव के बारे में जानकारी दी और कहा कि इस्लामाबाद हमेशा आतंकवाद से लड़ने में दृढ़ रहा है और ऐसी कार्रवाइयों का विरोध करता है जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। डार ने कहा कि पाकिस्तान स्थिति को परिपक्व तरीके से संभालने के लिए प्रतिबद्ध है और चीन और विश्व समुदाय के साथ संवाद बनाए रखेगा।
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं, जिसमें सिंधु जल संधि को रोकने समेत कई अन्य फैसले शामिल हैं। इस पर पाकिस्तान ने कहा कि नदी के पानी को रोकने को युद्ध की कार्रवाई के रूप में देखा जाएगा और उसने भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने और सभी व्यापार को निलंबित करने जैसे जवाबी उपायों का ऐलान किया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री डार ने चीन के निरंतर और अटूट समर्थन के लिए प्रशंसा भी व्यक्त की और सभी मौसमों में रणनीतिक सहकारी साझेदारी के साझा दृष्टिकोण के लिए पाकिस्तान की मजबूत प्रतिबद्धता की पुष्टि की। वहीं, चीनी और पाकिस्तानी विदेश मंत्रियों की टिप्पणियों पर भारत की ओर से फिलहाल कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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