Source :- NEWS18
Last Updated:May 20, 2025, 18:00 IST
मुनस्यारी का राजमा अपने स्वाद और गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है. इसे GI टैग मिला है. उपभोक्ताओं को असली राजमा पहचानने के लिए पकने का समय, मुलायम बनावट और GI टैग की जांच करनी चाहिए.
उत्तराखंड के मुनस्यारी का राजमा देशभर में प्रसिद्ध है. इसका स्वाद, बनावट और गुणवत्ता इसे बाजार में सबसे अलग बनाती है लेकिन कुछ समय से बाजार में दूसरे राजमा को मुनस्यारी के नाम पर बेचा जा रहा है, जिससे उपभोक्ता मुनस्यारी के असली राजमा की जगह महंगे दाम पर दूसरा राजमा खरीद रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि उपभोक्ता कुछ अहम बातों से मुनस्यारी के असली राजमा की पहचान कर सकें.

उत्तराखंड के मुनस्यारी के राजमा की पहली खासियत यह है कि यह पकने में अन्य सामान्य राजमा की तुलना में कम समय लेता है. जब इसे पकाया जाता है, तो यह बेहद नरम और घी की तरह मुलायम हो जाता है. इसका स्वाद भी बेहद उम्दा और अलग होता है. अगर राजमा उबालने पर ज्यादा समय लेता है और ज्यादा कड़ा महसूस होता है, तो समझिए यह मुनस्यारी का राजमा नहीं है.

बागेश्वर निवासी जानकार हरीश सोनी ने कहा कि मुनस्यारी के राजमा को भौगोलिक संकेत (Geographical Indication- GI) टैग मिला है, जो इसे विशिष्टता प्रदान करता है. यह टैग यह साबित करता है कि यह उत्पाद मुनस्यारी क्षेत्र में ही पैदा हुआ है और उसकी गुणवत्ता, उत्पादन प्रक्रिया और परंपरा उस क्षेत्र से जुड़ी हुई है. जब भी आप मुनस्यारी का राजमा खरीदें, तो पैकिंग पर GI टैग या संबंधित प्रमाणपत्र की जांच अवश्य कर लें.

उन्होंने कहा कि मुनस्यारी का राजमा आमतौर पर लाल रंग का और एक समान आकार का होता है. इसके दाने चमकदार होते हैं और छूने में चिकने लगते हैं. बाजार में कई बार मिलते-जुलते दिखने वाले राजमा को मुनस्यारी का राजमा बताकर बेचा जाता है लेकिन उसकी बनावट में असमानता, रंग में हल्कापन और आकार में भिन्नता देखी जा सकती है.

उन्होंने आगे कहा कि बाजार में बढ़ती मांग को देखते हुए कई व्यापारी लाभ कमाने के लिए मुनस्यारी के नाम पर नकली राजमा बेच रहे हैं. इससे न सिर्फ उपभोक्ता ठगा जा रहा है बल्कि असली उत्पादकों को भी नुकसान हो रहा है. ऐसे में उपभोक्ताओं को जागरूक रहना चाहिए और बताए गए तरीकों से जांच कर ही मुनस्यारी का राजमा खरीदना चाहिए.

इस प्रकार थोड़ी सी सावधानी और जानकारी अपनाकर आप मुनस्यारी के असली राजमा का स्वाद ले सकते हैं और नकली उत्पादों से बच सकते हैं. इससे न केवल आपके पैसे की बचत होगी बल्कि स्वास्थ्य और स्वाद का भी पूरा आनंद मिलेगा. यह राजमा आमतौर पर करीब 500 रुपये प्रति किलो मिलता है.
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