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‘दुबई चॉकलेट’ से पिस्ते की हालत खस्ता

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Source :- LIVE HINDUSTAN

दुबई चॉकलेट के नए ट्रेंड के कारण पिस्ते की कीमतें बढ़ रही हैं और इसकी पैदावार पर भी असर पड़ रहा है। 2022 में शुरू हुई इस चॉकलेट की लोकप्रियता ने पिस्ते की कीमत को 7.65 डॉलर से बढ़ाकर 10-11 डॉलर कर…

डॉयचे वेले दिल्लीFri, 25 April 2025 10:22 PM
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‘दुबई चॉकलेट’ से पिस्ते की हालत खस्ता

‘दुबई चॉकलेट’ के नए ट्रेंड की वजह से पिस्ते का दाम बढ़ रहा है और साथ ही उसकी पैदावार पर भी बुरा असर पर रहा है.जिस देश में इतनी गर्मी थी कि वो आम फसल नहीं उगा पा रहा था, आज वो नमी और भरपूर पानी में उगने वाला कोको उगा भी रहा है और दुनिया में उसे बेच भी रहा है.संयुक्त अरब अमीरात में इस समय चॉकलेट मार्केट 73.6 करोड़ अमेरिकी डॉलर का है.इसका बड़ा श्रेय दुबई चॉकलेट की बढ़ती लोकप्रियता को भी जाता है.एक नरम मुलायम चॉकलेट, जो मुंह में रखते ही टूट जाए, और अंदर से निकले ढेर सारी हरे रंग की क्रीम, और कोई ऐसी वैसी क्रीम नहीं, बल्कि मखमली पिस्ते से बनी क्रीम.यही है वो “दुबई चॉकलेट” जिसकी लोकप्रियता आसमान छू रही है.हर इन्फ्लुएंसर इस पर रिव्यू देना चाहता है और हर इंस्टाग्राम शेफ रेसिपी.लेकिन इस चॉकलेट की वजह से दो असर देखने को मिल रहे हैं: एक तो मार्केट में पिस्ते का दाम बढ़ रहा है, और दूसरा यह कि इससे पिस्ते की पैदावार पर भी असर पड़ रहा है.

सिलसिले की शुरुआतयह पिस्ता चॉकलेट सबसे पहले 2022 में संयुक्त अरब अमीरात की कंपनी फिक्स (एफआईएक्स) डेजर्ट चॉकलेटियर ने बेचना शुरू की थी.उसके बाद से यह टिकटॉक पर काफी मशहूर हो गई और ऐसे ये चॉकलेट अनगिनत शॉर्ट वीडियो ऐपों पर चर्चा में आई.अब इसके बाद से ही पिस्ता के दाम आसमान छूने लगे.फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार व्यापारियों का कहना है कि आज के समय में साढ़े चारे सौ ग्राम खुले हुए (बगैर छिलके वाले) पिस्ते 10 से 11 अमेरिकी डॉलर में आ रहे हैं.जबकि एक साल पहले इनकी कीमत 7.65 अमेरिकी डॉलर थी.क्या है पिस्ता चॉकलेट और क्यों है ये सबके सिर पर सवारसाराह हमूदा दुबई की कंपनी एफआईएक्स (फिक्स) की संस्थापक हैं.उन्होंने अपनी चॉकलेटों में यह फ्लेवर 2021 में डाला था और इसका नाम रखा था – “कांट गेट इनफ ऑफ इट”.नाम से समझ आता है कि इसमें “इनफ” खाड़ी देशों में मशहूर मिठाई कुनाफा से आया है, जिसे वहां नफ्फह भी कहा जाता है.

इसमें सेवई होती है या फिर पेस्ट्री शीट जिसमें मीठी क्रीम चीज भरी जाती है.और फिर उसे चाशनी में डुबो कर उसे पिस्तों से सजाया जाता है.हमूदा ने भारतीय अखबार इंडियन एक्सप्रेस अखबार को बताया कि उन्हें यह आइडिया तब आया जब वह गर्भवती थीं.कितनी बढ़ी है इस चॉकलेट की दीवानगी2024 में गूगल पर खाद्य और पीने की चीजों में दुबई चॉकलेट लोगों ने सबसे ज्यादा सर्च की.आज, यह ब्रांड सीमित मात्रा में यह चॉकलेट बनाती है.यूएई में ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी डेलीवरू के जरिए उस मार्केट में इसकी अच्छी पहुंच हो गई है.अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन ने जून 2024 में बताया था कि 200 ग्राम के चॉकलेट बार की खुदरा कीमत 20 डॉलर (1,707 रुपये) है, डेलीवरू रोजाना शाम 5 बजे तक लगभग 500 चॉकलेटों की बिक्री कर देती है.पिस्ता की पैदावार और उसके दामों पर असरपिस्ता ऐतिहासिक रूप से ईरान और उसके आसपास उगाया जाता रहा है.फिर इसका व्यापार होने लगा और ये दक्षिणी यूरोप और खाड़ी देशों के अन्य भागों में फैल गए.

ऐसा इसलिए भी हो पाया क्योंकि पिस्ते को उगने के लिए गर्म, शुष्क माहौल की जरूरत होती है.एफटी की रिपोर्ट को देखें तो पता चलेगा कि ईरान के कस्टम ऑफिस के अनुसार, दुनिया के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक ईरान ने मार्च 2025 तक के छह महीनों में यूएई को 40 प्रतिशत अधिक पिस्ता निर्यात किया है.आज, अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा पिस्ता उत्पादक है.पिस्ते की सबसे ज्यादा खेती (99 प्रतिशत) अमेरिकी प्रांत कैलिफोर्निया में होती है.वायरल चॉकलेट के अलावा, इस साल अमेरिका में पिस्ते की पैदावार भी कम हुई है.एफटी की रिपोर्ट के अनुसार कैलिफोर्निया की सप्लाई 2023-24 में 1,400 मिलियन पाउंड से ज्यादा थी जो कि 2024-25 में 1,200 मिलियन पाउंड तक ही रह गई.अमेरिकी कृषि विभाग के अनुसार, मौजूदा फसल पिछले सीजन की तुलना में 26 प्रतिशत कम है, जो “एक साल छोड़कर एक साल में कम फसल” होने के इस कॉन्सेप्ट को दर्शाता है.दरअसल यह पौधों की एक स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है कि अगर एक साल में औसत से अधिक फसल होती है (जो संभवतः वायरल चॉकलेट हुई) तो संभव है कि उसके बाद अगले साल औसत से कम फसल ही होगी.कैलिफोर्निया में पिछले दो दशकों में पिस्ते की खेती का रकबा लगभग पांच गुना बढ़ गया है, जिसमें 2018 में रिकॉर्ड तोड़ बढ़त देखी गई.

SOURCE : LIVE HINDUSTAN