Source :- LIVE HINDUSTAN
कनाडा में 28 अप्रैल को होने वाले आम चुनाव से पहले एक नया राजनीतिक समीकरण बनता दिखाई दे रहा है। ताजा सर्वेक्षणों के मुताबिक, जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी को कंजर्वेटिव पार्टी पर बढ़त मिलती दिख रही है। लिबरल पार्टी की तरफ से इस बार पूर्व बैंकर और निवर्तमान प्रधानमंत्री मार्क कार्नी नेतृत्व कर रहे हैं। सर्वेक्षणों से पता चला है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों और नीतियों ने इस बार चुनाव को पूरी तरह से नया मोड़ दे दिया है।
डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड वॉर और कनाडा को अमेरिका का “51वां राज्य” बनाने जैसे बयानों ने न सिर्फ राजनैतिक हलकों में हलचल मचा दी है, बल्कि कनाडा के आम मतदाता को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है।
लिबरल पार्टी को बढ़त
जनवरी में जब जस्टिन ट्रूडो ने इस्तीफे की घोषणा की थी, तब लिबरल पार्टी 24 अंकों से पीछे चल रही थी। लेकिन अब CBC पोल एग्रीगेटर के अनुसार, लिबरल पार्टी को 43.3% प्रतिशत और कंजरवेटिव पार्टी को 38.4% मतदान मिल सकता है। यह कार्नी के नेतृत्व में लिबरल पार्टी के लिए एक बड़ी चुनावी वापसी मानी जा रही है।
कार्नी बनाम पोइलिवरे
कनाडा आम चुनाव में लिबरल पार्टी के मार्क कार्नी के खिलाफ कंजर्वेटिव पार्टी के पियरे पोइलिवरे चुनाव लड़ रहे हैं। कार्नी कनाडा और इंग्लैंड में सेंट्रल बैंक के गवर्नर रह चुके हैं। उनका कहना है कि वह अमेरिका की मौजूदा “अराजकता” से निपटने के लिए सबसे उपयुक्त हैं।
पोइलिवरे पर कनाडा के ट्रंप का टैग
दूसरी ओर पियरे पोइलिवरे 20 वर्षों से संसद में सक्रिय हैं और खुद को परिवर्तन का वाहक बता रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह चुनाव बदलाव के लिए है।” हालांकि पोइलिवरे को “कनाडा का ट्रंप” कहे जाने की छवि से नुकसान हुआ है। उन्होंने हाल के भाषणों में ट्रंप से दूरी बनाने की कोशिश की है।
ट्रंप से निपटना मुख्य मुद्दा
कनाडा के चुनाव में इस बार ट्रंप सबसे बड़ा और अहम मुद्दा हैं। जानकार मानते हैं कि इस मुद्दे पर कार्नी और लिबरल पार्टी सत्ता में वापसी कर सकती है। मार्क कार्नी अपने चुनावी अभियानों में कह रहे हैं- कौन डोनाल्ड ट्रंप का सबसे अच्छा विरोधी बन सकता है?
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