Home व्यापार समाचार ट्रंप और पाकिस्तान के बीच एक बड़ी क्रिप्टो डील, क्या है पड़ोसी...

ट्रंप और पाकिस्तान के बीच एक बड़ी क्रिप्टो डील, क्या है पड़ोसी देश का मकसद

6
0

Source :- LIVE HINDUSTAN

भारत-पाकिस्तान टेंशन के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समर्थित वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल ने पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल के साथ एक डील पर साइन किए हैं।

Varsha Pathak लाइव हिन्दुस्तानWed, 30 April 2025 10:01 AM
share Share
Follow Us on
ट्रंप और पाकिस्तान के बीच एक बड़ी क्रिप्टो डील, क्या है पड़ोसी देश का मकसद

Trump-backed crypto firm deal with pak: भारत-पाकिस्तान टेंशन के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समर्थित वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल ने पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल के साथ एक डील पर साइन किए हैं। डोनाल्ड ट्रम्प समर्थित वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल ने दक्षिण एशियाई देश और उद्योग के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक में क्रिप्टो अपनाने में तेजी लाने के लिए पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल के साथ एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। बता दें कि वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल में ट्रंप का 60% स्टेक है। यह डील पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकवादियों द्वारा हमला करने और 26 लोगों की हत्या करने के ठीक पांच दिन बाद हुआ, जिससे भारत-पाकिस्तान तनाव बढ़ गया है और माहौल लड़ाई की कगार पर पहुंच गया।

क्या है डिटेल

वर्ल्ड लिबर्टी के संस्थापक जैक विटकॉफ, जैक फोकमैन और चेस हेरो ने हाल ही में काउंसिल के सीईओ बिलाल बिन साकिब के साथ एक बैठक में पत्र पर हस्ताक्षर किए। डॉन अखबार के अनुसार, उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से मुलाकात की। इस बैठक में पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के गवर्नर, वित्त मंत्री और आईटी सचिव भी उपस्थित थे। स्थानीय समाचार आउटलेट बिजनेस रिकॉर्डर ने 27 अप्रैल को बताया कि डील के तहत, वर्ल्ड लिबर्टी काउंसिल को ब्लॉकचेन-आधारित प्रोडक्ट्स का टेस्टिंग करने, डिस्पैच और कारोबार के लिए स्थिर करेंसी अप्लीकेशंस का विस्तार करने, वास्तविक दुनिया की संपत्ति टोकनाइजेशन का पता लगाने और डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस प्रोटोकॉल के विकास में सहायता करने के लिए विनियामक सैंडबॉक्स लॉन्च करने में मदद करेगी। पाकिस्तानी न्यूज अखबार डॉन के मुताबिक, इस डील से पाकिस्तान को डिजिटल वित्त क्रांति में ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम मिला और इससे “पाकिस्तान की स्थिति दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते क्रिप्टो बाजारों में से एक के रूप में मजबूत होगी।”

ये भी पढ़ें:भारत-पाकिस्तान टेंशन के बीच रॉकेट बना यह शेयर, खरीदने की मची है लूट, जानिए वजह

क्या है मकसद

पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल, ट्रंप और बिनेंस के संस्थापक चांगपेंग झाओ के समर्थन से देश को “दक्षिण एशिया की क्रिप्टो राजधानी” के रूप में स्थापित करना चाहता है और यूएई जैसे मार्केट के साथ कम्पिटिट करना चाहता है। बता दें कि वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल को साल 2024 में शुरू किया गया था। डोनाल्ड ट्रंप से जुड़ी एक यूनिट, जिसे डीटी मार्क्स डीईएफआई एलएलसी के नाम से जाना जाता है, वर्ल्ड लिबर्टी के पीछे की होल्डिंग कंपनी डब्ल्यूएलएफ होल्डको एलएलसी में लगभग 60% इक्विटी का मालिक है, और सिक्कों की बिक्री से होने वाले कुछ रेवेन्यू का 75% पाने का हकदार है।

SOURCE : LIVE HINDUSTAN