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चारधाम का पहला धाम है यमुनोत्री, जानें मां यमुना को क्या लगाना है भोग

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Source :- NEWS18

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Last Updated:April 30, 2025, 09:22 IST

Yamunotri Dham : चार धाम यात्रा में बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री शामिल हैं. यमुनोत्री में मां यमुना की पूजा से मृत्यु का भय समाप्त होता है. यात्रा में ऊनी वस्त्र, रेनकोट, जूते और दवाएं साथ ले जाएं.

यमुनोत्री धाम का महत्व और यात्रा की तैयारी

हाइलाइट्स

  • चार धाम यात्रा में बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री शामिल हैं.
  • यमुनोत्री में मां यमुना की पूजा से मृत्यु का भय समाप्त होता है.
  • यात्रा में ऊनी वस्त्र, रेनकोट, जूते और दवाएं साथ ले जाएं.

Chardham Yatra 2025 : हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा का बहुत अधिक महत्व है. इस यात्रा में लोगों की अनंत आस्था जुडी होती है. चार धाम यात्रा में बद्रीनाथ केदारनाथ यमुनोत्री और गंगोत्री धाम शामिल है. देवभूमि उत्तराखंड में चार धाम की यात्रा के लिए प्रतिवर्ष लाखों की तादात में श्रद्धालु दुनिया भर से आते हैं. यह यात्रा अक्षय तृतीया से शुरू होकर लगभग अक्टूबर तक चलती है.आइये इस यात्रा के बारे में विस्तार से जानते हैं.

सबसे पहला धाम है यमुनोत्री : हिंदू धर्म की भारत के अंदर यह सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा है. जिसमें बद्रीनाथ धाम के दर्शन के लिए अन्य तीन धाम के साथ यात्रा की जाती है.इस यात्रा में दर्शन के क्रम में सबसे पहले यमुनोत्री धाम पंहुचा जाता है. शास्त्रों में इसका वर्णन किया गया है कि इस यात्रा की शुरुआत पश्चिम दिशा से शुरू करके पूर्व दिशा में समाप्त की जाएगी. चार धाम यात्रा के पश्चिम में यमुनोत्री धाम स्थित है.

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यमुनोत्री धाम का महत्व : शास्त्रों के अनुसार यमुना जी मृत्यु के देवता यमराज की बहन और सूर्य देव की पुत्री है. यमुनोत्री धाम में मां यमुना का उद्गम स्थल है साथ ही मां यमुना का मंदिर भी है. चार धाम यात्रा काफी जटिल यात्रा है इसलिए यमराज की बहन मां यमुना की सर्वप्रथम पूजा करके आगे बढ़ने से मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है. इस धाम में दर्शन और पूजा एवं मां यमुना में स्नान करने से व्यक्ति को मृत्यु के पश्चात सद्गति प्राप्त होती है.

कैसे करें मां यमुना की पूजा : यमुनोत्री धाम में मां यमुना की पूजा के पहले जान की चट्टी में स्थित सूर्य कुंड में स्नान करके मंदिर में प्रवेश किया जाता है. देवी यमुना के लिए प्रसाद स्वरूप चावल एवं आलू चढ़ाया जाता है. इसके अलावा आप अन्य पवित्र वस्तुएं भी प्रसाद में अर्पित कर सकते हैं.

यमुनोत्री धाम की यात्रा से पूर्व तैयारी : मां यमुनोत्री की यात्रा के लिए सर्वप्रथम आप अपने साथ ऊनी वस्त्र, बारिश से बचने के लिए रेनकोट, मजबूत जूते एवं चप्पल के अलावा डायबिटीज, हार्ट या अन्य जीवन रक्षक दवाएं साथ लेकर जाना चाहिए. यमुनोत्री तक पहुंचाने के लिए लगभग 14 किलोमीटर ट्रैक करके जाना पड़ता है. इस दौरान मोबाइल चार्जिंग के लिए पावर बैंक, भूख लगने पर खाने के लिए कुछ खाद्य सामग्रियां, नमकीन, बिस्कुट आदि साथ लेकर जाएं.

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घर से जाते वक्त करें उपाय : यदि आप चार धाम यात्रा के लिए घर से निकल रहे हैं तो एक दिन पूर्व एक नारियल लाल कपड़े पर रखकर अपने पूजा घर में रखें. नारियल के नीचे चावल की ढेरी लगा दें. अब सपरिवार दिया एवं धूप बत्ती लगाकर उसकी विधि विधान से पूजन करते हुए अपने सभी देवी देवताओं का आवाहन करें तथा कहें कि हम चार धाम यात्रा के लिए जा रहे हैं यात्रा के दौरान हमारी और हमारे पीछे हमारे परिवार की सम्पूर्ण रक्षा की जिम्मेदारी प्रभु आपकी है. चार धाम यात्रा पूर्ण होने तक इस नारियल को पूजा स्थल में रखे रहने दें एवं प्रतिदिन इसकी पूजा आरती करें.

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SOURCE : NEWS 18