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Chow Mein and Hakka Noodle : भारतीय सड़क किनारे ठेले हों या किसी बड़े होटल का मेन्यू कार्ड, नूडल्स एक आम और पसंदीदा डिश बन चुकी है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जो नूडल्स हम खाते हैं, वो असल में चाउमीन है या हक्का नूडल्स? क्या इनके बीच वाकई कोई फर्क है या बस नाम अलग-अलग हैं? आइए, इस दिलचस्प सफर में जानते हैं इनके पीछे की कहानी और स्वाद का अंतर. अगली बार जब आप कोई नूडल्स ऑर्डर करें, तो उसके स्वाद के पीछे की इस कहानी को ज़रूर याद करें.
हक्का नूडल्स की शुरुआत चीन के दक्षिणी हिस्से के गुआंगडोंग प्रांत में रहने वाले हक्का समुदाय से मानी जाती है. यह समुदाय सदियों पहले दुनिया के कई हिस्सों में जाकर बस गया था. भारत में यह लोग खासतौर पर कोलकाता में आए, जहां उन्होंने अपने पारंपरिक स्वाद को भारतीय ज़ायके के साथ मिलाकर एक नया रूप दिया – जिसे हम आज ‘हक्का नूडल्स’ के नाम से जानते हैं.
चाउमीन का अंदाज़
चाउमीन असल में ‘चाओ मिएन’ से निकला शब्द है, जिसका मतलब है – तले हुए नूडल्स. यह चीन की एक पारंपरिक डिश है जिसमें उबले हुए नूडल्स को तेज़ आंच पर सब्ज़ियों और मसालों के साथ फ्राई किया जाता है. भारत में इसका जो रूप दिखता है, वो असली चीनी स्टाइल से काफी अलग है. यहां लोग इसमें अपने स्वाद के हिसाब से मिर्च, टमाटर सॉस और कभी-कभी सिरका भी मिला लेते हैं.
1. पकाने का तरीका – हक्का नूडल्स को हल्का तलकर बनाया जाता है, जबकि चाउमीन को तेज़ आंच पर अच्छे से फ्राई किया जाता है.
2. स्वाद – हक्का नूडल्स का स्वाद हल्का और संतुलित होता है, वहीं चाउमीन में मिर्च-मसाले और तेल की मात्रा ज्यादा रहती है.
3. सामग्री – दोनों में सब्ज़ियां लगभग एक जैसी होती हैं जैसे – पत्ता गोभी, शिमला मिर्च, गाजर आदि. फर्क आता है उन्हें पकाने के अंदाज़ में.
4. रंग और बनावट – हक्का नूडल्स हल्के रंग के और मुलायम होते हैं, जबकि चाउमीन थोड़े कुरकुरे और डार्क रंग वाले हो सकते हैं.
भारतीय स्वाद में दोनों की जगह
भारत में दोनों ही डिशेस को खूब पसंद किया जाता है. स्ट्रीट फूड के रूप में चाउमीन ने खास जगह बनाई है, जबकि हक्का नूडल्स को होटल और रेस्टोरेंट्स में थोड़ा प्रीमियम समझा जाता है. बच्चों से लेकर बड़ों तक, हर उम्र के लोगों को इनका स्वाद पसंद आता है.
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