Source :- LIVE HINDUSTAN
गाजा में ऐक्शन को लेकर अब 17 देशों ने इजरायल पर ऐक्शन की मांग की है। उन्होंने इजरायल से सहयोग समझौतों की समीक्षा की मांग की है। उधर, ब्रिटेन ने फ्री ट्रेड डील पर रोक लगा दी है।
गाजा में सुरक्षा और मानवीय संकट के बीच इजरायल ने नए जमीनी ऑपरेशन शुरू किए हैं और आंशिक राहत सामग्री की अनुमति दी है। इजरायल का कहना है कि ये कदम हमास के आतंकवाद को खत्म करने और अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी हैं। वहीं, बीते कुछ दिनों में इजरायली हमलों में सैकड़ों फिलिस्तीनियों की मौत ने अंतरराष्ट्रीय चिंता बढ़ा दी है। यूरोपीय संघ के 17 सदस्य देशों ने इजरायल के खिलाफ मानवीय अधिकार उल्लंघन की निंदा करते हुए सहयोग समझौतों की समीक्षा की मांग की है, जबकि ब्रिटेन ने फ्री ट्रेड वार्ता को सस्पेंड कर दिया है। इस जटिल स्थिति में इजरायल और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच जारी टकराव गाजा संकट को और गहरा कर रहा है।
यूरोप के 17 देश इजरायल पर सख्त
स्पेन, आयरलैंड, लक्ज़मबर्ग, स्लोवेनिया, बेल्जियम, नीदरलैंड, स्वीडन, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, इटली, चेक गणराज्य, ग्रीस, पोलैंड, क्रोएशिया और साइप्रस ने इजरायल के खिलाफ ऐक्शन की मांग की है। ये देश गाजा में बढ़ते मानवीय संकट को लेकर गहरा चिंतित हैं और EU-इजरायल समझौते की समीक्षा की भी मांग कर रहे हैं।
ब्रिटेन ने फ्री ट्रेड वार्ता पर लगाया ब्रेक
इस बीच ब्रिटेन ने इजरायल के साथ मुक्त व्यापार वार्ता को अस्थायी तौर पर रोक दिया है। ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड लैमी ने कहा, “सहायता रोकना, युद्ध बढ़ाना और दोस्तों की चिंताओं को नज़रअंदाज़ करना अस्वीकार्य है।” ब्रिटेन ने पश्चिमी तट पर कब्जा जमाए इजरायली बस्तियों के प्रमुख नेताओं और संगठनों पर प्रतिबंध भी लगाने की तैयारी की है।
फ्रांस ने फिलिस्तीनी राज्य की मांग दोहराई
फ्रांस ने फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने के अपने फैसले को दोहराया है। फ्रांसीसी विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट ने कहा, “गाजा के बच्चों को नफरत और हिंसा की विरासत नहीं मिलनी चाहिए।” कनाडा ने भी इजरायल की आक्रामक सैन्य कार्रवाई और सहायता प्रतिबंध की निंदा की है।
इजरायल का कड़ा रुख
इजरायल ने बाहरी दबावों को खारिज करते हुए कहा है कि अपनी सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों को वो नहीं हटाएंगे। एक दिन पहले इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने ब्रिटेन, कनाडा और फ्रांस की आलोचना करते हुए कहा था कि वह ट्रंप के विजन के साथ हैं। फिलिस्तीनी राज्य की मांग करना हमास को उसके नरसंहार का इनाम देने जैसा है, जिसे इजरायल किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा।
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