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गाजा के समर्थन की रैलियों में ऐसा क्या हुआ कि बैकफुट पर आया पाकिस्तान, अमेरिका का डर

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Source :- LIVE HINDUSTAN

गाजा में इजरायली हमलों के खिलाफ एकजुटता दिखाने के नाम पर पाकिस्तान में अमेरिकी ब्रांड वाले फास्ट-फूड चेन केएफसी पर हाल ही में हुए हमलों ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। पंजाब प्रांत की सूचना मंत्री अजमा बुखारी ने इन हमलों को संगठित साजिश बताया और सवाल उठाया कि क्या इससे गाजा के लोगों को कोई लाभ हो रहा है या फिर यह पाकिस्तान को नुकसान पहुंचाने की कोशिश है। उन्होंने इन हमलों की आड़ में पाकिस्तानियों की रोजी-रोटी छीनने का भी आरोप लगाया।

घटना क्या हुई?

सबसे पहले घटना के बारे में जानते हैं। कराची, लाहौर, रावलपिंडी और फैसलाबाद समेत कई शहरों में अमेरिकी ब्रांड फास्ट-फूड आउटलेट्स पर हमले हुए। शेखूपुरा में फायरिंग में एक कर्मचारी की मौत हो गई। अब तक 149 लोगों की गिरफ्तारी और 14 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं।

सरकार बोली- हमारी रोजी-रोटी छीन रहे

अजमा बुखारी ने बयान में कहा, “यह सब अचानक नहीं हुआ, यह संगठित योजना के तहत हुआ। गाजा के नाम पर पाकिस्तानियों की रोजी-रोटी छीनना किसका एजेंडा है? क्या इससे गाज़ा के लोग बचेंगे?” उन्होंने कहा कि ये हमले एक “चरमपंथी समूह” द्वारा प्रायोजित हैं, जो देश की शांति और तरक़्क़ी को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे। बुखारी ने कहा कि प्रसिद्ध धर्मगुरुओं को सामने आकर लोगों को समझाना चाहिए कि हिंसा और तोड़फोड़ से न गाजा की मदद होगी, न इस्लाम का भला।

अजमा ने जोर देकर कहा कि जिन आउटलेट्स पर हमले हुए हैं, वे पाकिस्तानियों द्वारा चलाए जा रहे फ्रैंचाइज़ी व्यवसाय हैं। “अगर इन पर काम करने वाले 25000 पाकिस्तानी बेरोज़गार हो जाएंगे, तो क्या इससे गाजा के लोगों को मदद मिलेगी?”

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अमेरिका का डर!

विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान सरकार पर अमेरिका और पश्चिमी दुनिया का कूटनीतिक दबाव भी है कि वह कानून व्यवस्था बनाए रखे और व्यापारिक माहौल को स्थिर रखे। इस मामले में पाक सरकार ऐक्शन भी ले चुकी है। शेखपुरा से 71, रावलपिंडी से 33 और लाहौर से 11 गिरफ्तारियां हुई हैं। मुल्तान, बहावलपुर, साहीवाल, रहिम यार खान सहित अन्य जिलों से भी गिरफ्तारियां की गई हैं। कराची और इस्लामाबाद में भी TLP से जुड़े लोगों को हिरासत में लिया गया है।

SOURCE : LIVE HINDUSTAN