Source :- LIVE HINDUSTAN
आपको बता दें कि जेनसोल ने इरेडा और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन से 977.75 करोड़ रुपये उधार लिए थे, जिसमें से 663.89 करोड़ रुपये ब्लूस्मार्ट के लिए इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने को लिए थे।

Gensol Engineering: जेनसोल इंजीनियरिंग की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अब भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (इरेडा) ने 510 करोड़ रुपये के डिफॉल्ट के लिए जेनसोल इंजीनियरिंग के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही की मांग की है। यह याचिका दिवाला और दिवालियापन संहिता की धारा 7 के तहत दायर की गई है। आपको बता दें कि जेनसोल ने इरेडा और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन से 977.75 करोड़ रुपये उधार लिए थे, जिसमें से 663.89 करोड़ रुपये ब्लूस्मार्ट के लिए इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने को लिए थे।
शेयर की बढ़त पर लगेगा ब्रेक?
इरेडा के इस कदम से जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयर की बढ़त पर ब्रेक लग सकता है। सप्ताह के तीसरे दिन यह शेयर 5% उछाल के साथ 60.14 रुपये पर बंद हुआ था। इससे पहले 13 मई को शेयर ने 52 हफ्ते के नए निचले स्तर 51 रुपये को टच किया था। इस लिहाज से शेयर रिकवरी मोड में नजर आ रहा था। अब निवेशकों की नजर गुरुवार की ट्रेडिंग पर रहेगी।
सैट ने दी मंजूरी
इस बीच, जेनसोल इंजीनियरिंग ने बुधवार को कहा कि प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने उसे बाजार नियामक सेबी के उस अंतरिम आदेश पर जवाब दाखिल करने की अनुमति दे दी है, जिसमें कंपनी और उसके प्रवर्तकों को प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया गया था। अब कंपनी सेबी के अंतरिम आदेश का जवाब तैयार करने के लिए अपने कानूनी सलाहकारों और वकील से कानूनी सहायता मांग रही है।
सेबी ने लगाया था प्रतिबंध
बता दें कि पिछले महीने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक अंतरिम आदेश में कोष को दूसरी जगह भेजने और संचालन से जुड़ी खामियों के मामले में जेनसोल इंजीनियरिंग और उसके प्रवर्तकों- अनमोल सिंह जग्गी एवं पुनीत सिंह जग्गी को अगले आदेश तक प्रतिभूति बाजारों से प्रतिबंधित कर दिया था।
सेबी ने 15 अप्रैल, 2025 को जारी अपने अंतरिम आदेश में जग्गी बंधुओं को अगले आदेश तक जेनसोल में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिक का पद संभालने से रोक दिया था। यह आदेश जून, 2024 में जेनसोल के शेयरों की कीमत में हेराफेरी और कंपनी का पैसा दूसरी जगह भेजने की शिकायत मिलने के बाद आया था।
जग्गी बंधुओं ने छोड़ा पद
हाल ही में जेनसोल इंजीनियरिंग के प्रवर्तकों अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी ने बाजार नियामक सेबी के अंतरिम आदेश के बाद कंपनी से इस्तीफा दे दिया है। अनमोल सिंह जग्गी के पास प्रबंध निदेशक और पुनीत सिंह जग्गी के पास पूर्णकालिक निदेशक का पद था।
SOURCE : LIVE HINDUSTAN