Source :- NEWS18
Last Updated:May 14, 2025, 17:56 IST
Taragarh Palace: तारागढ़ पैलेस, कांगड़ा घाटी में स्थित है और शाही परिवार द्वारा संचालित एक होटल है. यह महल यूरोपीय शैली में बना है और डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए लोकप्रिय है. सितंबर से जून घूमने का अच्छा समय है.
आज हम आपको हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा घाटी में स्थित एक ऐसे महल के बारे में बताते हैं, जो प्रदेश की धरोहर में गिना जाता है. यह महल वर्षों पहले बनाया गया था और आज यह लोगों के लिए एक लोकप्रिय मैरिज डेस्टिनेशन बन गया है.

पालमपुर के चाय बागानों के साथ 15 एकड़ की वन भूमि पर फैला तारागढ़ पैलेस हिमाचल प्रदेश के सबसे खूबसूरत लेकिन अनदेखे स्थानों में से एक है. यह महल धौलाधार पर्वत की तलहटी में लगभग 1000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जहां से बर्फ से ढकी चोटियों का अद्भुत नजारा दिखाई देता है.

इस सुंदर और मनोहक संपत्ति को 1951 में जम्मू और कश्मीर के शाही परिवार ने खरीदा था. पहले इसे अलहिलाल यानी अर्धचंद्र की भूमि के नाम से जाना जाता था. वर्तमान में इस महल को शाही परिवार एक होटल की तरह संचालित कर रहा है. लोग यहां डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए बड़ी संख्या में आते हैं.

तारागढ़ पैलेस कभी बहावलपुर के नवाब का निजी ग्रीष्मकालीन निवास था. इसका निर्माण यूरोपीय शैली की वास्तुकला में किया गया था. इस महल में बगीचे, एक ग्लास मंडप और एक मस्जिद भी है. 1950 में कश्मीर के महाराजा हरि सिंह की पत्नी महारानी तारा देवी ने इसे अपने अधिकार में लिया. उनके बेटे ने 1971 में इस महल को एक होटल में तब्दील कर दिया.

इस महल में आज भी डोगरा शाही परिवार के चित्र लगे हैं. इसकी वास्तुकला में इटालियन संगमरमर, झूमर और बाघ की खाल जैसी शाही सजावट देखने को मिलती है. मनोरंजन के लिए यहां एक स्विमिंग पूल, टेनिस कोर्ट और एक शानदार रेस्टोरेंट है जहां बुफे भी परोसा जाता है.

यह महल 15 एकड़ वन भूमि में फैला हुआ है. इसमें 26 आलीशान और आरामदायक आवास हैं. इसकी भव्यता और सुविधाएं पर्यटकों को खास अनुभव प्रदान करती हैं. वास्तुकला और प्राचीन संस्कृति में रुचि रखने वालों के लिए यह स्थान विशेष आकर्षण का केंद्र है.

तारागढ़ पैलेस घूमने का सबसे अच्छा समय सितंबर से जून तक होता है. इस समय तापमान सुखद रहता है और ट्रेकिंग व पर्यटन के लिए आदर्श होता है. जनवरी में यहां जाना थोड़ा कठिन हो सकता है क्योंकि उस समय अत्यधिक ठंड होती है.

महल तक टैक्सी या ऑटो रिक्शा लेकर आसानी से पहुंचा जा सकता है. कांगड़ा में हर 10 से 15 मिनट में चलने वाली स्थानीय बसों का भी लाभ उठाया जा सकता है.
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