Source :- LIVE HINDUSTAN
शहबाज शरीफ ने अब इस्लामिक दुनिया के रहनुमा कहे जाने वाले सऊदी अरब से गुहार लगाई है। शहबाज शरीफ का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता की बहुत जरूरत है और इसके लिए सऊदी अरब एक तटस्थ स्थान हो सकता है। शहबाज शरीफ ने इसके अलावा आसिम मुनीर के प्रमोशन का भी क्रेडिट लेने की कोशिश की है।

ऑपरेशन सिंदूर में भारत से मार खाने के बाद पाकिस्तान की सरकार और सेना किसी तरह अपनी फजीहत बचाने में जुटे हैं। इसी के तहत एक तरफ सेना प्रमुख आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल बना दिया गया है तो वहीं सरकार चाहती है कि किसी तरह भारत से रिश्ते सामान्य हो जाएं। इसी क्रम में शहबाज शरीफ ने अब इस्लामिक दुनिया के रहनुमा कहे जाने वाले सऊदी अरब से गुहार लगाई है। शहबाज शरीफ का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता की बहुत जरूरत है और इसके लिए सऊदी अरब एक तटस्थ स्थान हो सकता है। शहबाज शरीफ ने इसके अलावा आसिम मुनीर के प्रमोशन का भी क्रेडिट लेने की कोशिश की है।
शरीफ ने कहा कि मैंने पार्टी के मुखिया नवाज शरीफ से सलाह के बाद यह फैसला लिया गया है। उनका यह दावा भी अहम है क्योंकि कयास यही लग रहे हैं कि आसिम मुनीर ने अपना प्रमोशन खुद लिया है। टीवी पत्रकारों के एक ग्रुप से बातचीत में पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि हम भारत से बात करेंगे तो उसके 4 ही एजेंडे होंगे- कश्मीर, पानी, कारोबार और आतंकवाद। बता दें कि भारत लगातार दोहराता रहा है कि पाकिस्तान के साथ कोई वार्ता तभी हो सकती है, जब वह आतंकवाद पर लगाम लगाए। इसके अलावा भारत ने सिंधु जल समझौते को भी फिलहाल रोक रखा है। इसीलिए शहबाज शरीफ ने भारत से बातचीत के लिए जरूरी जो 4 बातें बताई हैं, उनमें से एक जल भी है।
यही नहीं शहबाज शरीफ से पत्रकारों ने पूछा कि क्या भारत के साथ वार्ता के लिए तटस्थ स्थान चीन भी हो सकता है। इस पर शहबाज शरीफ ने कहा कि भारत इसके लिए कभी राजी नहीं होगा। हालांकि शहबाज शरीफ ने कहा कि सऊदी अरब वह देश हो सकता है, जहां बैठकर बातचीत के लिए दोनों देश और खासतौर पर भारत राजी हो सकता है। दरअसल पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की ओर से किए गए हमले को लेकर जनता में सरकार और सेना के प्रति गुस्सा है।
क्यों भारत से रिश्ते सामान्य चाहती है पाकिस्तान की सरकार
ऐसे में सरकार और सेना दोनों ही मिलकर मिथ्या प्रचार कर रहे हैं कि हमने जंग में भारत के कई सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचाया। इसी कोशिश के तहत पाकिस्तान चाहता है कि भारत के साथ रिश्ते सामान्य हो जाएं। बता दें कि भारत लगातार कहता रहा है का पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय मामलों में वह किसी तीसरे पक्ष का दखल स्वीकार नहीं करेगा। ऐसे में शहबाज शरीफ का सऊदी अरब वाला प्रस्ताव भी भारत की ओर से ठुकराया जाना तय है।
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