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भारत ने सोमवार को कुछ स्टील प्रोडक्ट्स पर 200 दिन के लिए 12 प्रतिशत अस्थायी सेफगार्ड ड्यूटी लगाया है ताकि घरेलू कंपनियों को सस्ते आयात के फ्लो से बचाया जा सके। राजस्व विभाग की नोटिफिकेशन के मुताबिक लगाई गई ड्यूटी के प्रकाशन की तारीख से 200 दिन की अवधि (जब तक कि इसे पहले रद्द, प्रतिस्थापित या संशोधित नहीं किया जाता) के लिए प्रभावी रहेगी। बता दें कि यह निर्णय वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) की सिफारिश पर लिया गया है।
पिछले महीने DGTR ने की सिफारिश
पिछले महीने वाणिज्य एवं व्यापार मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) ने सस्ते आयात को रोकने के प्रयासों के तहत कुछ स्टील प्रोडक्शन पर 200 दिनों के लिए 12% टैरिफ लगाने की सिफारिश की थी। दिसंबर 2024 में DGTR ने फैब्रिकेशन, पाइप बनाने, निर्माण, पूंजीगत सामान, ऑटो, ट्रैक्टर, साइकिल और इलेक्ट्रिकल पैनल सहित विभिन्न उद्योगों में उपयोग किए जाने वाले नॉन-अलॉय मेटल और अलॉय मेटल स्टील फ्लैट प्रोडक्ट के आयात में अचानक वृद्धि की जांच शुरू की।
कई कंपनियों ने की शिकायत
यह जांच भारतीय इस्पात संघ द्वारा अपने सदस्यों की ओर से की गई शिकायत के बाद की गई। इसमें आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया, एएमएनएस खोपोली, जेएसडब्ल्यू स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील कोटेड प्रोडक्ट्स, भूषण पावर एंड स्टील, जिंदल स्टील एंड पावर तथा सार्वजनिक क्षेत्र की स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) शामिल हैं।
निदेशालय ने अपनी जांच में प्रारंभिक रूप से पाया है कि भारत में इन उत्पादों के आयात में हाल ही में अचानक, तीव्र और महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। इससे घरेलू उद्योग/उत्पादकों को गंभीर नुकसान पहुंचने का खतरा है।
13 डंपिंग रोधी मामलों पर नजर
हाल ही में वाणिज्य मंत्रालय ने बताया कि डीजीटीआर ने मार्च में 13 डंपिंग रोधी मामलों में अंतिम निष्कर्ष जारी किए हैं, जिनमें से अधिकतर चीन के खिलाफ हैं। डीजीटीआर ने विटामिन-ए पामिटेट, अघुलनशील सल्फर, एल्युमीनियम फॉयल, प्लास्टिक प्रोसेसिंग मशीन, डिजिटल ऑफसेट प्रिंटिंग प्लेट और सजावटी कागज जैसे उत्पादों की डंपिंग के खिलाफ अंतिम निष्कर्ष जारी किए। इन 13 मामलों में 12 चीन के खिलाफ हैं। इन जांचों में शामिल अन्य देशों में यूरोपीय संघ, जापान, ताइवान, रूस और थाईलैंड शामिल हैं।
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